दुर्ग में 200 साल पुराना कुआं फिर से हुआ जीवित, बना धार्मिक स्थल और जल स्रोत स्थानीय लोगों की मेहनत रंग लाई, गंजपारा वार्ड में बना 'शिव वाटिका'


 

दुर्ग। गंजपारा वार्ड-36 में सामूहिक प्रयासों से एक ऐतिहासिक कुएं को पुनर्जीवित किया गया है। करीब 200 साल पुराना यह कुआं, जो कभी इलाके के लिए जीवनरेखा था, अब दोबारा पानी देने लगा है। सालों तक उपेक्षित रहने और कचरे से भर जाने के कारण यह कुआं बेकार हो गया था, जिससे गर्मियों में स्थानीय लोगों को भारी जल संकट का सामना करना पड़ता था।

स्थानीय नागरिकों, जन समर्पण सेवा संस्था और बोलबम सेवा समिति ने मिलकर इस कुएं की सफाई शुरू की। कई दिनों तक चले श्रमदान के बाद कुएं से सारा कचरा हटाया गया और पानी निकलने लगा। इसके बाद दुर्ग नगर निगम और वार्ड पार्षद प्रतिभा गुप्ता की मदद से लगभग 4 लाख रुपये की लागत से कुएं का सौंदर्यीकरण किया गया।

अब इस स्थल पर नाली निर्माण, भगवान शिव की प्रतिमा, आकर्षक पेंटिंग और एक खूबसूरत ‘शिव वाटिका’ भी बनाई गई है। यह स्थान अब सिर्फ जल स्रोत नहीं बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र भी बन गया है।

स्थानीय निवासी बंटी शर्मा ने बताया कि शासन के इंतजार में वक्त खराब होता देख लोगों ने खुद आगे बढ़कर काम संभाला। वहीं, 75 वर्षीय विट्ठल राज ने कहा कि कभी यह कुआं इलाके की प्यास बुझाया करता था और आज फिर वही उम्मीद जगी है।

यह पहल न केवल जल संरक्षण का उदाहरण है, बल्कि पर्यावरण बचाने और सामुदायिक एकजुटता की मिसाल भी है। गंजपारा का यह जागरूक कदम पूरे दुर्ग शहर को प्रेरणा दे रहा है।

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