कोरबा में रेलवे क्रॉसिंग पर फंसी मालगाड़ी से घंटों जाम, आमजन बेहाल


 

कोरबा, छत्तीसगढ़ – जिले के ट्रांसपोर्ट नगर रेलवे क्रॉसिंग पर गुरुवार को एक एल्युमिनियम पाउडर से लदी मालगाड़ी तकरीबन 3 घंटे तक खड़ी रही, जिससे दोनों ओर लंबा जाम लग गया। यह मालगाड़ी बालको नगर स्थित प्लांट की ओर जा रही थी, लेकिन तकनीकी कारणों से बीच रास्ते में फंस गई। बाद में इसे अतिरिक्त इंजन की सहायता से रवाना किया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फाटक पर लगभग एक किलोमीटर तक वाहनों की कतार लग गई थी। स्कूली बच्चों, मरीजों और ऑफिस जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जाम की स्थिति इतनी विकट थी कि कई दोपहिया वाहन चालकों ने वैकल्पिक रास्तों से निकलने की कोशिश की, परंतु अधिकतर को घंटों तक इंतजार करना पड़ा।

यह कोई पहली बार नहीं है जब इस मार्ग पर ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई हो। कुछ दिन पहले ही शारदा विहार रेलवे क्रॉसिंग पर बिजली कंपनी की मालगाड़ी फंस गई थी। रेलवे विभाग का कहना है कि इस मार्ग पर ढलान होने के कारण इंजन को अतिरिक्त दबाव में काम करना पड़ता है। वहीं, स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का आरोप है कि रेलवे प्रशासन की लापरवाही के चलते हर दूसरे दिन इसी तरह की परेशानी होती है।

वार्ड क्रमांक 26 के पार्षद गोपाल कुर्रे ने बताया कि शारदा विहार, रेलवे कॉलोनी, मुड़ापार, रामनगर, अमरिया पारा और टीपी नगर जैसे क्षेत्रों के लोग इसी रास्ते से आवागमन करते हैं। ऐसे में रेलवे फाटक के बार-बार बंद रहने से आमजन को भारी असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि जाम की वजह से कई बार एम्बुलेंस तक रास्ते में अटक जाती हैं और स्कूली बच्चों को समय पर स्कूल पहुंचने में देरी होती है।

स्थानीय व्यापारियों ने भी अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि फाटक के बार-बार बंद होने से उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है। ग्राहकों की आवाजाही बाधित हो रही है और दुकानों के सामने हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है।

रेलवे विभाग का कहना है कि ट्रेन संचालन में किसी भी प्रकार की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। ट्रैक पर मवेशियों और राहगीरों की आवाजाही से इंजन की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, जिससे ऐसी स्थितियां बनती हैं।

स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि रेलवे फाटक के स्थान पर अंडरपास या ओवरब्रिज का निर्माण कराया जाए ताकि भविष्य में जाम की स्थिति से बचा जा सके। फिलहाल यह समस्या कोरबा नगर के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है, जिसका समाधान जल्द जरूरी है।

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