दुर्ग, 27 जून 2025 — दुर्ग शहर के शक्तिनगर स्थित बृहद तालाब की सफाई को लेकर नगर निगम सवालों के घेरे में आ गया है। करीब 14 एकड़ क्षेत्र में फैले इस तालाब में जलकुंभी और खरपतवार हटाने के लिए 15 दिन पहले केमिकल का छिड़काव किया गया था, जिसके बाद तालाब का पानी धीरे-धीरे काला पड़ने लगा और बड़ी संख्या में मछलियों की मौत होने लगी। अब यह मामला स्थानीय लोगों की चिंता और नाराज़गी का कारण बन गया है।
तालाब से सटे शक्ति नगर, शांति नगर, कादंबरी नगर और महात्मा गांधी नगर की बस्तियों के निवासी रोजाना निस्तारी कार्यों के लिए इसी तालाब पर निर्भर हैं, लेकिन अब प्रदूषित पानी और तेज दुर्गंध के कारण लोग इसका उपयोग करने से बच रहे हैं। स्थानीय लोगों को संक्रमण और जलजनित रोग फैलने का डर सताने लगा है।
नगर निगम ने सफाई शुरू करने का किया दावा
दुर्ग नगर निगम की महापौर अलका बाघमार ने कहा है कि तालाब से मरी हुई मछलियों को हटाने का काम चल रहा है और अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि तालाब में केमिकल डाले एक महीने से अधिक हो चुका है, इसलिए मछलियों की मौत की सीधी वजह वह नहीं हो सकती। संभव है कि जलकुंभी की जड़ों में फंसने से यह स्थिति उत्पन्न हुई हो। महापौर ने कहा कि तालाब की पूरी तरह से सफाई के बाद ही वास्तविक कारण सामने आएगा।
पूर्व महापौर ने जताई नाराजगी, की कार्रवाई की मांग
पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल ने इस पूरे मामले को नगर निगम की गंभीर लापरवाही करार दिया है। उनका कहना है कि बिना किसी वैज्ञानिक जांच के तालाब में केमिकल डालना बेहद गैर-जिम्मेदाराना कदम था। इससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है, बल्कि हजारों की आबादी खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा कि पानी पूरी तरह काला हो चुका है और लाखों मछलियों की मौत से क्षेत्र में बीमारी फैलने की आशंका है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जांच की मांग
स्थानीय सामाजिक संगठनों और पार्षदों ने छत्तीसगढ़ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि तालाबों में रसायनों के प्रयोग को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश होने चाहिए और हर तरह की कार्रवाई वैज्ञानिक आधार पर होनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
स्थिति गंभीर, जल्द समाधान की आवश्यकता
फिलहाल शक्तिनगर तालाब की हालत चिंताजनक बनी हुई है। क्षेत्रवासियों की मांग है कि जल्द से जल्द तालाब की सफाई कर पानी को उपयोग लायक बनाया जाए और जिम्मेदारों पर ठोस कार्रवाई हो। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है, ताकि कोई महामारी जैसी स्थिति न उत्पन्न हो।