भिलाई हनीट्रैप केस: युवक ने रेलवे ट्रैक पर कूदकर दी जान, अश्लील वीडियो बनाकर की गई थी ब्लैकमेलिंग


 


भिलाई, छत्तीसगढ़। शहर के सुपेला थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवक ने कथित रूप से कुछ युवतियों द्वारा हनीट्रैप में फंसाकर ब्लैकमेल किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान 32 वर्षीय हरविंदर सिंह उर्फ सनी के रूप में हुई है, जो वैशाली नगर का निवासी था और एक निजी मार्केटिंग कंपनी में कार्यरत था।

घटना का खुलासा

शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात सुपेला थाना क्षेत्र के अंडरब्रिज के पास रेलवे ट्रैक पर हरविंदर का शव बरामद किया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सुपेला अस्पताल भेजा। मौके पर पहुंची परिजनों ने आत्महत्या की पुष्टि करते हुए बताया कि उनका बेटा बीते कुछ दिनों से मानसिक तनाव में था और किसी अज्ञात गिरोह द्वारा लगातार ब्लैकमेल किया जा रहा था।

वीडियो कॉल से शुरू हुआ था जाल

परिजनों के अनुसार, हरविंदर को पहले वीडियो कॉल के जरिए फंसाया गया। बातचीत के दौरान युवतियों ने उसे अश्लील हरकतें करने के लिए उकसाया और उसका आपत्तिजनक वीडियो बना लिया। इसके बाद आरोपी युवतियों और उनके साथियों ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर हरविंदर से मोटी रकम वसूली। उसने ब्लैकमेलर को कई बार पैसे भी ट्रांसफर किए थे। हरविंदर के मोबाइल फोन में अनजान नंबरों से की गई बातचीत और ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं।

परिजनों की मांग – हो सख्त कार्रवाई

हरविंदर के परिजनों ने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि इस तरह की घटनाएं युवाओं को मानसिक रूप से तोड़ रही हैं। उन्होंने सरकार और पुलिस से साइबर अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने की अपील की है।

पुलिस की जांच जारी

एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि फिलहाल पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। साइबर सेल की सहायता से कॉल डिटेल्स और बैंक ट्रांजेक्शनों की पड़ताल की जा रही है। प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या ब्लैकमेलिंग के चलते की गई प्रतीत हो रही है, लेकिन पुलिस अन्य संभावित कारणों की भी जांच कर रही है।

सवालों के घेरे में ऑनलाइन फ्रॉड

यह घटना एक बार फिर हनीट्रैप और साइबर ब्लैकमेलिंग जैसे अपराधों पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। सोशल मीडिया और वीडियो कॉलिंग ऐप्स के जरिए अपराधियों द्वारा लोगों को फंसाना आम हो चुका है। पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेंसियों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।




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