रायपुर (छत्तीसगढ़), 28 जून – राजधानी से सटे मंदिर हसौद थाना क्षेत्र के कुटेसर गांव में शुक्रवार देर शाम एक फोम फैक्ट्री में भीषण आग लग गई, जिसमें 18 वर्षीय मजदूर त्रिलोचन ध्रुव की जिंदा जलने से मौत हो गई। हादसा उस वक्त हुआ जब फैक्ट्री में 18 मजदूर काम कर रहे थे। आग लगते ही बाकी मजदूर किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन त्रिलोचन अंदर ही फंसा रह गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, त्रिलोचन जान बचाने के लिए चीखता-चिल्लाता रहा, मगर धुएं और लपटों के कारण कोई उसे नहीं बचा सका। मृतक मूल रूप से धमतरी जिले के मगरलोड इलाके का रहने वाला था।
आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट
मंदिर हसौद थाना प्रभारी अविनाश सिंह ने बताया कि फोम फैक्ट्री करीब 6 एकड़ में फैली है और यहां गद्दे बनाने का काम होता है। प्रारंभिक जांच में आग की वजह शॉर्ट सर्किट मानी जा रही है। फैक्ट्री में फोम और केमिकल जैसे ज्वलनशील पदार्थ बड़ी मात्रा में मौजूद थे, जिससे आग तेजी से फैली।
3 घंटे तक जलती रही फैक्ट्री
आग की सूचना मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। आग पर काबू पाने के लिए एक निजी फैक्ट्री से दमकल वाहन मंगवाया गया, जबकि दो वाहन रायपुर से बुलाए गए। तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पाया गया।
लाखों का नुकसान
फैक्ट्री संचालक मुकेश अग्रवाल को इस हादसे में लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। बताया गया है कि फैक्ट्री में 12 मजदूर बाहर से और 7 स्थानीय मजदूर काम कर रहे थे। हादसे के वक्त सभी मजदूर अंदर काम में लगे थे। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ ही मिनटों में पूरी फैक्ट्री लपटों में घिर गई।
शव भेजा गया पोस्टमॉर्टम के लिए
त्रिलोचन का शव पूरी तरह जल चुका था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवा दिया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
प्रशासन की चुप्पी, फैक्ट्री में नहीं थे सुरक्षा इंतजाम?
घटना के बाद एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं कि क्या फैक्ट्री में आग से निपटने के पर्याप्त इंतजाम थे? मजदूरों ने बताया कि आग बुझाने के कोई भी साधन वहां मौजूद नहीं थे। न ही किसी को प्रशिक्षण दिया गया था कि आपात स्थिति में क्या करना है।
स्थानीय लोगों और मृतक के परिजनों ने प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की भी मांग उठ रही है।