बिलासपुर में रथयात्रा की रात दर्दनाक हादसा: मां-बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत, ग्रामीणों ने किया चक्काजाम


 

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ | 28 जून 2025
रथयात्रा के पावन अवसर पर बिलासपुर में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। गुरुवार रात ग्राम पंधी के पास एक अज्ञात तेज रफ्तार ट्रेलर ने मां-बेटे को कुचल दिया, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घटना सीपत थाना क्षेत्र की है।

मृतकों की पहचान ग्राम जांजी (सीपत) निवासी सकुन बाई और उनके बेटे हरीश सिंह के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, दोनों बिलासपुर में आयोजित एक कथा-पूजा में शामिल होकर रात करीब साढ़े 9 बजे बाइक से अपने गांव लौट रहे थे। इसी दौरान यादव ढाबा के सामने पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने उन्हें रौंद दिया।

हादसे के बाद भड़का गुस्सा, चक्काजाम

घटना की खबर फैलते ही ग्रामीणों और परिजनों में भारी आक्रोश फैल गया। लोगों ने शवों के साथ सड़क पर बैठकर चक्काजाम कर दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों की मांग थी कि ओवरलोड वाहनों पर रोक लगे और मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए।

प्रशासन ने दी तात्कालिक सहायता का आश्वासन

सूचना मिलते ही सीपत पुलिस, राजस्व और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाइश दी। अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों को तत्कालिक सहायता के तौर पर 25-25 हजार रुपए देने का आश्वासन दिया। इसके बाद चक्काजाम समाप्त हुआ और आवागमन बहाल किया गया।

ओवरलोड ट्रकों पर सख्ती के निर्देश

इस घटना के बाद क्षेत्र में ओवरलोड वाहनों को लेकर जनाक्रोश फिर तेज हो गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि इस मार्ग पर भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही पर रोक लगे और स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं।

प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि हादसे वाले स्थान पर जल्द ही स्पीड ब्रेकर बनाए जाएंगे और ओवरस्पीड व ओवरलोड वाहनों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सीपत पुलिस अज्ञात ट्रेलर की पहचान के लिए आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।

सवालों के घेरे में ट्रैफिक व्यवस्था

यह हादसा एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि हाईवे और ग्रामीण मार्गों पर भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी आम जनता की जान के लिए कितनी घातक साबित हो रही है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि रात में ट्रक और ट्रेलर की गति पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

शोक की लहर

सकुन बाई और हरीश सिंह की मौत से पूरे गांव में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने कहा कि त्योहारों और धार्मिक आयोजनों के दिन भी यदि सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सके तो यह प्रशासन की गंभीर विफलता है।

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