भिलाई, छत्तीसगढ़ – 3 जून 2025
ऑनलाइन सट्टेबाजी और साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में पुलिस ने एक खाईवाल को बिहार से गिरफ्तार किया है, जो म्यूल अकाउंट का इस्तेमाल कर सट्टे का संचालन कर रहा था। साथ ही, पुलिस ने ऐसे 11 लोगों को भी पकड़ा है, जिन्होंने अपने बैंक अकाउंट्स को किराए पर देकर ऑनलाइन सट्टेबाजी को बढ़ावा दिया।
111 बैंक खातों में हुए करोड़ों के ट्रांजेक्शन
केनरा बैंक वैशाली नगर शाखा के प्रबंधक परमाल सिंह सिंगोदिया (उम्र 40 वर्ष) ने वैशाली नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बैंक में खोले गए 111 खातों में संदिग्ध रूप से भारी मात्रा में राशि का लेनदेन किया गया है। प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ कि इन खातों का उपयोग साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन सट्टेबाजी में किया गया।
उमा शर्मा के खाते में 5 करोड़ का लेनदेन
जांच में एक खाते की पड़ताल के बाद पुलिस ने खाता धारक उमा शर्मा को गिरफ्तार किया। उसके खाते में लगभग 5 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन सामने आया। पूछताछ में उमा शर्मा ने बताया कि यह खाता मोनू नामक एक शख्स के कहने पर खुलवाया गया था, जो अन्य कई खातों को भी इसी प्रकार सट्टेबाजी के लिए इस्तेमाल कर रहा है।
देहरादून में छापा, आरोपी फरार
एएसपी पद्मश्री तंवर के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जब मोनू और उसके साथियों को पकड़ने के लिए उत्तराखंड के देहरादून में दबिश दी, तब तक आरोपी वहां से फरार हो चुके थे। हालांकि मौके से पुलिस को बिहार निवासी नीतीश कुमार मिला, जिसे तत्काल हिरासत में लिया गया। पूछताछ में नीतीश ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
बैंक अकाउंट किराए पर देने का रैकेट बेनकाब
पुलिस जांच में सामने आया है कि बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए कुछ युवकों ने बेरोजगारी और लालच में आकर अपने बैंक खाते केवल 20,000 रुपए के किराए पर दे दिए। इन खातों का उपयोग ऑनलाइन सट्टेबाजी और साइबर अपराधों में किया गया। गिरफ्तार किए गए 11 लोगों ने माना कि उन्होंने जानबूझकर अपने खाते किराए पर दिए थे।
ऑनलाइन सट्टेबाजी का नेटवर्क फैला हुआ है
पुलिस के अनुसार यह कोई सामान्य धोखाधड़ी नहीं, बल्कि एक संगठित ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क है, जो देश के विभिन्न राज्यों में फैला हुआ है। ये लोग भोले-भाले लोगों को पैसे का लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाते हैं और फिर उन खातों में सट्टे की राशि का ट्रांजेक्शन करवाते हैं।
आगे की कार्रवाई और सतर्कता
पुलिस अब इन 111 खातों में हुए ट्रांजेक्शनों की जांच के लिए साइबर सेल की मदद ले रही है। कई खातों को फ्रीज़ किया जा चुका है और अन्य संभावित संदिग्धों की तलाश जारी है। आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने बैंक खाते किसी को भी किराए पर न दें, क्योंकि ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है।
पुलिस की सख्त चेतावनी:
"जो भी व्यक्ति अपने बैंक खातों को किराए पर देता है या किसी के कहने पर फर्जी दस्तावेजों से खाता खुलवाता है, वह भी अपराधी की श्रेणी में आएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
यह मामला न सिर्फ साइबर क्राइम से जुड़े खतरों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार तकनीक का गलत इस्तेमाल कर अपराधी अपने नेटवर्क को फैला रहे हैं। पुलिस की यह कार्रवाई निश्चित रूप से एक बड़ा कदम है, लेकिन इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए सतत प्रयासों की आवश्यकता है।