तेज रफ्तार कार ने ली मासूम की जान: आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर परिजनों ने किया थाने का घेराव


                                                        बच्ची की मौत के बाद से सदमे में है मां।

छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने एक मासूम बच्ची की जान ले ली, जिससे इलाके में आक्रोश और शोक का माहौल है। फुटबॉल खेलकर घर लौट रही 10 वर्षीय अंशिका और उसका छोटा भाई अंकुश सड़क हादसे का शिकार हो गए। घटना के पांच दिन बाद इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों और स्थानीय लोगों ने भट्ठी थाने का घेराव कर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की।

क्या हुआ था हादसे के दिन?

यह दुर्घटना 29 मई की सुबह हुई जब अंशिका और उसका 8 वर्षीय भाई अंकुश सेक्टर-1 स्थित राजेश पटेल स्पोर्ट्स परिसर में फुटबॉल खेलने के बाद साइकिल से अपने घर बापू नगर, खुर्सीपार लौट रहे थे। गैरेज रोड पर एक तेज रफ्तार कार ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। आरोपी चालक मौके से फरार हो गया।

इलाज के दौरान गई जान

घायलों को पहले लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, सुपेला ले जाया गया। वहां से अंशिका की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे बीएम शाह हॉस्पिटल, फिर रामकृष्ण केयर, और अंततः श्री शंकराचार्य हॉस्पिटल में रेफर किया गया। इलाज के दौरान 2 जून को अंशिका की मौत हो गई। वहीं, अंकुश की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।

परिजनों का आरोप – पुलिस और नेता कर रहे हैं आरोपी को बचाने की कोशिश

बच्ची की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने भट्ठी थाने का घेराव करते हुए पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। अंशिका के मामा विनय कुमार गौतम ने कहा, "हादसे के 5 दिन बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। पुलिस कह रही है कि घटनास्थल के आस-पास के सभी सीसीटीवी कैमरे खराब हैं। अगर कैमरे काम कर रहे होते तो आरोपी पकड़ा जा सकता था।"

उन्होंने यह भी मांग की कि इन कैमरों को लगाने वाले ठेकेदार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए क्योंकि लापरवाही से समय पर सुराग नहीं मिल पाया।

पार्षद की मुआवजे की मांग

घटनास्थल पर पहुंचे बापू नगर वार्ड की पार्षद सरिता देवी ने भी परिजनों के साथ थाने का घेराव किया। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिलवाया जाए।

मां बेसुध, परिवार सदमे में

बच्ची की मौत से उसकी मां पूरी तरह टूट चुकी है। न वह कुछ बोल रही है और न ही खा-पी रही है। थाने में जब उसे लाया गया तो वह अचेत अवस्था में थी। परिजनों और अन्य महिलाओं की मदद से उसे थाने तक लाया गया, लेकिन वह पूरी तरह बेसुध अवस्था में बैठी रही।

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

घटना के बाद स्थानीय लोगों में भी रोष है। लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने समय पर गंभीरता दिखाई होती और इलाके के सीसीटीवी कैमरे दुरुस्त होते, तो यह हादसा टाला जा सकता था या कम से कम आरोपी की पहचान हो जाती।

क्या बोले पुलिस अधिकारी?

पुलिस ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच जारी है और आरोपी की तलाश की जा रही है। हालांकि परिजनों का आरोप है कि पुलिस और कुछ स्थानीय प्रभावशाली लोग आरोपी को बचाने में लगे हैं।

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