रायपुर। सूदखोरी, धमकी और वसूली के संगीन मामलों में वांटेड तोमर ब्रदर्स के खिलाफ शिकंजा कसता जा रहा है। पुलिस ने गैंग के दो मुख्य वसूली एजेंटों को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि आरोपी पीड़ितों के घर-दुकानों में जाकर धमकाते थे और विस्टो फायनेंस के नाम से बने व्हाट्सएप ग्रुप से वसूली के निर्देश दिए जाते थे।
गिरफ्तार आरोपियों में चंगोराभाठा का बंटी सहारे (36) और टिकरापारा का जीतेंद्र देवांगन उर्फ मोनू (24) शामिल हैं। बंटी, रोहित तोमर का नजदीकी है, जबकि जीतेंद्र वीरेंद्र तोमर के लिए काम करता था। पूछताछ में दोनों ने वसूली और ब्लैकमेलिंग की बात कबूल की है। पुलिस ने इनके पास से मोबाइल जब्त किया, जिसमें धमकी भरी कॉल रिकॉर्डिंग, चैटिंग और वॉयस मैसेज मिले हैं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रोहित तोमर वसूली के लिए बंटी का फोन इस्तेमाल करता था। वह बंटी के मोबाइल से ही कर्ज लेने वालों को धमकाता था और बर्बादी की चेतावनी देता था। बंटी जहां वसूली करने जाता, वहां रोहित की कॉल करवाकर पीड़ित को डराता था। इन कॉल्स के ऑडियो पुलिस के हाथ लगे हैं।
विस्टो फायनेंस के नाम से व्हाट्सएप ग्रुप चलाया जा रहा था जिसमें रोहित, वीरेंद्र, दिव्यांश सिंह, शुभ्रा तोमर और भावना समेत कई सदस्य सक्रिय थे। ग्रुप में किससे, कहां और कितनी रकम वसूलनी है, इसकी जानकारी साझा की जाती थी। पुलिस ने पूरे ग्रुप की चैट रिपोर्ट भी जब्त कर ली है।
भिलाई के कारोबारी एम के वर्मा ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्होंने 2016 में रोहित से 3 लाख रुपये का कर्ज लिया था और तय समय से पहले रकम लौटा भी दी, फिर भी उनसे 25 लाख की वसूली की जा रही थी। विरोध करने पर धमकियां मिलीं और उनकी लग्जरी कार तक जब्त कर ली गई। इस मामले में तोमर ब्रदर्स पर चौथा केस दर्ज किया जाएगा।
इस पूरे गिरोह के खिलाफ अब प्रशासनिक कार्रवाई की तैयारी है। पुलिस ने कलेक्टर से तोमर ब्रदर्स के मकानों पर बुलडोजर चलाने की अनुमति मांगी है। हालांकि, फाइल 13 दिन पहले भेजी गई थी, लेकिन अब तक मकान का नाप-जोख तक नहीं हो सका है। पुलिस का कहना है कि कार्रवाई के लिए हरी झंडी मिलते ही अतिक्रमण हटाया जाएगा।
तोमर ब्रदर्स के खिलाफ कोरबा और भाठागांव के कारोबारियों की शिकायतें भी इसी केस में जोड़ी जा रही हैं। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही गैंग के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।
