छत्तीसगढ़ IED ब्लास्ट में ASP की शहादत: अब SIA करेगी जांच, नक्सलियों की धरपकड़ के लिए सुकमा पहुंचेगी टीम


 

रायपुर/सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोंटा डिवीजन में हुए IED ब्लास्ट में ASP आकाश राव की शहादत के मामले की जांच अब स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) को सौंपी गई है। इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए SIA को विशेष अधिकारों के साथ जांच सौंपी गई है। DGP अरुण देव गौतम और SIA के डायरेक्टर अंकित गर्ग ने मामले की तह तक पहुंचने के निर्देश दिए हैं।

SIA की 6 सदस्यीय टीम की अगुवाई SP नीरज चंद्राकर कर रहे हैं। टीम में ASP, TI और SI रैंक के अधिकारी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार टीम अगले दो दिनों में सुकमा के लिए रवाना होगी और घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र करने के साथ नक्सलियों की पहचान और गिरफ्तारी की दिशा में काम करेगी।

IED ब्लास्ट में ASP शहीद, SDOP और TI घायल

घटना 9 जून को हुई थी, जब कोंटा-एर्राबोर मार्ग के डोंड्रा गांव में ASP आकाश राव के नेतृत्व में एक पुलिस टीम नक्सली वारदात की जांच करने गई थी। वापसी के दौरान जमीन में दबे प्रेशर IED से जबरदस्त विस्फोट हुआ। इस धमाके में ASP राव गंभीर रूप से घायल हुए और इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं SDOP चंद्राकर और TI सोनल ग्वाला भी घायल हो गए, जिनका इलाज रायपुर में जारी है।

TI ग्वाला ने होश में आने के बाद बताया कि विस्फोट के बाद गोली चलने की आवाजें भी सुनाई दी थीं, जिससे नक्सलियों द्वारा दोहरा हमला किए जाने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि घटनास्थल से थाना करीब 2 किमी दूर था, जिससे बड़ी घटना टल गई।

घटना के पीछे नक्सली साजिश

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, नक्सलियों ने वारदात से एक दिन पहले यानी 8 जून की रात डोंड्रा गांव की खदान में जेसीबी और अन्य वाहनों को आग के हवाले किया था। वहीं पास में ही IED बम दबाया गया था। टीम जब मौके से लौट रही थी, तभी यह विस्फोट हुआ।

क्या है SIA और क्यों है खास?

छत्तीसगढ़ सरकार ने एक साल पहले SIA (स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) का गठन किया था, जो NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की तर्ज पर काम करती है। इसका मुख्य उद्देश्य नक्सलवाद, धर्मांतरण और गौ तस्करी जैसे संवेदनशील मामलों की गहन जांच करना है। SIA में फिलहाल 26 सदस्यीय टीम कार्यरत है, जो सीधे DGP और गृह विभाग को रिपोर्ट करती है।

SIA को नेशनल ऑटोमैटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिटी सिस्टम (NAFIS) का भी एक्सेस दिया गया है, जिससे नक्सलियों और अपराधियों की पहचान और ट्रैकिंग और अधिक सटीकता से की जा सकेगी। इसके अंतर्गत अपराधियों के फिंगरप्रिंट, नाम-पते और आपराधिक रिकॉर्ड उपलब्ध हैं।

जांच में SIA को पूरी स्वतंत्रता

SIA को राज्य के किसी भी जिले में स्वतंत्र रूप से कार्रवाई करने का अधिकार है। टीम को किसी भी जिले के SP या थाना प्रभारी को पूर्व सूचना देने की आवश्यकता नहीं है। कार्रवाई के बाद ही संबंधित थाने और अधिकारियों को सूचना दी जाती है। इससे कार्रवाई की गोपनीयता बनी रहती है और अपराधियों की धरपकड़ तेजी से संभव होती है।

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