रायपुर पुलिस ने मिसिंग बुजुर्ग को परिवार से मिलवाकर पेश की मानवता की मिसाल सीसीटीएनएस डाटाबेस और 112 टीम की तत्परता से 75 वर्षीय बुजुर्ग को मिला उनका बेटा


 

रायपुर, 20 जुलाई 2025 — राजधानी रायपुर में पुलिस ने एक बार फिर संवेदनशीलता और तकनीकी दक्षता का परिचय देते हुए 75 वर्षीय गुमशुदा बुजुर्ग को उसके बेटे से मिलवाया है। यह घटना न सिर्फ पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे तकनीक और मानवीय प्रयास मिलकर किसी की जिंदगी में उजाला ला सकते हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुजुर्ग सारंगा कुर्मी, पिता श्यामलाल कुर्मी, किसी वजह से रास्ता भटक कर रायपुर से दूर नकटी गांव पहुंच गए थे। जब स्थानीय लोगों को उनकी स्थिति संदिग्ध लगी, तो उन्होंने पुलिस सहायता के लिए 112 पर कॉल किया। मौके पर पहुंची 112 टीम बुजुर्ग को सुरक्षित थाना लाकर पूछताछ में जुटी।

बुजुर्ग की हालत व भाषा से उनकी पहचान कर पाना चुनौतीपूर्ण था। ऐसे में माना थाना के प्रभारी यामन कुमार देवांगन के निर्देशन में CCTNS (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) के डाटाबेस की मदद ली गई। सीसीटीएनएस ऑपरेटर सुरेंद्र निषाद (माना कैम्प थाना) और यशवंत पाटले (पामगढ़ थाना) ने डाटा मिलान के माध्यम से बुजुर्ग की पहचान सुनिश्चित की।

सारंगा कुर्मी की पहचान होने पर पुलिस ने तत्काल उनके बेटे बुरथुराम से संपर्क किया। बुरथुराम ने बताया कि वह अपने पिता की तलाश रायपुर में ही कर रहा था और पंडरी थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करा चुका था।

इसके बाद रायपुर पुलिस ने बुजुर्ग को सकुशल उनके बेटे को सौंप दिया। पिता को पाकर बेटे की आंखों में आंसू थे और उन्होंने पुलिस का आभार जताया।

इस पूरे मामले में माना थाना, सीसीटीएनएस टीम और 112 सेवा की सूझबूझ व समर्पण ने यह साबित किया कि पुलिसिंग केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानवीयता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

यह मामला पुलिस की तत्परता और आधुनिक तकनीक के समन्वय की मिसाल है, जो न केवल एक परिवार को जोड़ने में सहायक बनी, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि सही सूचना, सही समय और सही तकनीक से हर समस्या का समाधान संभव है।

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