रायपुर और बलरामपुर में आकाशीय बिजली का कहर: 3 की मौत, 8 घायल छत्तीसगढ़ में दो अलग-अलग घटनाओं में बिजली गिरने से हुई जनहानि, लोगों में दहशत


 

छत्तीसगढ़, 19 जुलाई 2025 — शनिवार की दोपहर और शाम का समय राज्य के लिए भयावह साबित हुआ, जब रायपुर और बलरामपुर जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की दो अलग-अलग घटनाओं में कुल तीन लोगों की मौत हो गई और आठ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घटनाओं ने न केवल प्रभावित परिवारों को शोक में डुबो दिया, बल्कि स्थानीय लोगों में भी दहशत का माहौल पैदा कर दिया।

पहली घटना: रायपुर के भावना नगर में मोबाइल पर गिरी बिजली

राजधानी रायपुर के खम्हारडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत भावना नगर में एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हादसा उस समय हुआ जब तीन युवक घर की छत पर बैठकर मोबाइल पर गेम खेल रहे थे। शनिवार को दोपहर लगभग 1 बजे अचानक आकाशीय बिजली सीधे मोबाइल फोन पर गिर गई। इससे मोबाइल विस्फोट के साथ फट गया और सन्नी नामक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य दो युवक बुरी तरह झुलस गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मृतक युवक की पहचान उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के हेमधापुर गांव निवासी सन्नी के रूप में हुई है, जो मजदूरी के लिए छत्तीसगढ़ आया हुआ था। घटना की जानकारी मिलते ही खम्हारडीह पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। झुलसे युवकों की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है।

दूसरी घटना: बलरामपुर के बेलसर गांव में खेत में बिजली गिरने से दो की मौत

बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम बेलसर में दूसरी घटना सामने आई, जहां शनिवार शाम को कुछ ग्रामीण खेत में काम कर रहे थे। अचानक मौसम बदलने के साथ तेज गरज के साथ बिजली गिरी, जिसकी चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए।

मरने वालों की पहचान मनेश्वर अगरिया (18) और सुवेश्वर नगेशिया (37) के रूप में हुई है। दोनों बेलसर गांव के ही निवासी थे। घायलों में संतोष तिग्गा (40), सुशीला तिग्गा (35), संतोष अगरिया (24), धनेश्वर अगरिया (19), लोखनाथ (55) और मनरखन (25) शामिल हैं। इन सभी को प्राथमिक उपचार के लिए शंकरगढ़ सीएचसी में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

शंकरगढ़ थाना प्रभारी जितेंद्र जायसवाल ने बताया कि मृतकों के शवों का पंचनामा कर रविवार को पोस्टमॉर्टम कराया गया और परिजनों को सौंपा गया है।


क्या होती है आकाशीय बिजली और क्यों गिरती है?

आकाशीय बिजली, जिसे 'लाइटनिंग' कहते हैं, बादलों के बीच होने वाले घर्षण से उत्पन्न चार्ज का परिणाम होती है। जब आसमान में विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं, तो इससे अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है। यह ऊर्जा एक चमक और गड़गड़ाहट के साथ पृथ्वी की ओर गिरती है। पृथ्वी पर पहुंचने के बाद यह बिजली उस माध्यम की तलाश करती है, जो सबसे अच्छा कंडक्टर हो — जैसे कि बिजली के खंभे, मोबाइल, धातु या फिर दुर्भाग्यवश कोई व्यक्ति।

रायपुर की घटना इसका ज्वलंत उदाहरण है, जहां बिजली सीधे मोबाइल पर गिरी और विस्फोट के साथ युवक की जान ले ली।


आकाशीय बिजली से कैसे बचें?

  1. बारिश या गरज के दौरान खुले स्थानों से दूर रहें।

  2. धातु के उपकरणों और मोबाइल फोन का उपयोग न करें।

  3. खेतों, पेड़ों, पानी के स्रोतों और ऊँचे टावरों से दूर रहें।

  4. घरों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें।

  5. अगर बिजली गिरने की आवाज पास सुनाई दे तो तुरंत सुरक्षित स्थान पर चले जाएं।


महत्वपूर्ण तथ्य:

  • आकाशीय बिजली का तापमान सूर्य के ऊपरी सतह से भी अधिक होता है।

  • इसकी ऊर्जा क्षमता 12.5 करोड़ वॉट से अधिक हो सकती है।

  • यह शरीर के सिर, गर्दन और कंधे को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है।

  • दोपहर के समय इसके गिरने की आशंका अधिक होती है।


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