छत्तीसगढ़ में माहेश्वरी सभा बना विधवा महिलाओं और उनके बच्चों का सहारा


 

रायपुर, 21 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ में माहेश्वरी सभा द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ महेश निधि ट्रस्ट विधवा महिलाओं और उनके बच्चों के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। जिन महिलाओं ने पति को खोने के बाद जीवन यापन और बच्चों की पढ़ाई के लिए संघर्ष झेला, उन्हें अब मासिक पेंशन और बच्चों के लिए पॉकेट मनी सीधे बैंक खाते में दी जा रही है।

सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश मुंधड़ा ने बताया कि ट्रस्ट सालाना करीब 49.62 लाख रुपए की राशि जरूरतमंद महिलाओं और उनके बच्चों को आरटीजीएस के माध्यम से भेजता है। बच्चों की स्कूल फीस सभा वहन करती है, जबकि किताबें और स्टेशनरी जैसे खर्चों के लिए पॉकेट मनी दी जाती है।

ट्रस्ट को चलाने के लिए करीब 3000 सदस्य नियमित रूप से दान करते हैं। ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष मनोज राठी ने बताया कि इस पहल की शुरुआत 2005 में हुई थी, जब विधवाओं को ₹1000 मासिक मिलते थे, जो अब बढ़ाकर ₹3500 कर दिया गया है। ट्रस्ट केवल मेडिकल, शिक्षा और पेंशन पर खर्च करता है। मेडिकल इमरजेंसी में ₹20,000 तक की त्वरित मदद भी दी जाती है।

एक लाभार्थी महिला ने बताया कि पति की मृत्यु के बाद जब कोई सहारा नहीं था, तब समाज ने दो साल तक लगातार मदद की। सिलाई के जरिए उसने रोजगार शुरू किया और आज वह कई महिलाओं को काम दे रही है।

निधि के अध्यक्ष बालकिशन झंवर के अनुसार, लाभार्थियों की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है ताकि वे सम्मान के साथ जी सकें। आवेदन के लिए महिलाओं को स्थानीय संगठन से संपर्क कर सत्यापन के बाद नाम दर्ज करवाना होता है। हर माह की 7 तारीख को सहायता राशि ट्रांसफर कर दी जाती है।

यह पहल छत्तीसगढ़ में सामाजिक सहयोग और करुणा का बेहतरीन उदाहरण बन चुकी है।

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