छत्तीसगढ़: दुर्ग में ननों की गिरफ्तारी मामले ने लिया नया मोड़, अबूझमाड़ की 3 युवतियों ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं पर लगाए गंभीर आरोप


 

दुर्ग रेलवे स्टेशन पर 25 जुलाई को ननों की गिरफ्तारी मामले में अब नया मोड़ आ गया है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र की रहने वाली तीन आदिवासी युवतियों ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए नारायणपुर एसपी कार्यालय में FIR दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है। इन युवतियों का कहना है कि उन्हें जातिगत गालियां दी गईं, बदसलूकी की गई और पुलिस स्टेशन में भी मारपीट की गई।

आरोपों की पूरी कहानी

तीनों युवतियां – जिनमें एक की उम्र 21 वर्ष और दो की उम्र 19 वर्ष है – ने बताया कि वे ईसाई धर्म को मानती हैं और कुछ दिनों पहले दो मिशनरी ननों के साथ आगरा जा रही थीं। लेकिन 25 जुलाई को जब वे दुर्ग रेलवे स्टेशन पर थीं, तब बजरंग दल के करीब 100 से 200 कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोक लिया। आरोप है कि युवतियों को चारों तरफ से घेरकर उनके साथ अभद्रता की गई, जातिगत टिप्पणियां की गईं और गलत तरीके से छुआ गया।

पुलिस स्टेशन में मारपीट और धमकी

आवेदन में कहा गया है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उन्हें जबरन GRP थाने ले जाकर बंद कमरे में रखा। वहां ज्योति शर्मा नाम की महिला और उसके साथ करीब 20-25 युवक कमरे में घुस आए। युवतियों का कहना है कि पुलिसकर्मियों को बाहर भेजकर इन लोगों ने कमरे में उनके साथ मारपीट की और जबरदस्ती FIR करवाने का दबाव बनाया। युवतियों का दावा है कि जब उन्होंने FIR दर्ज करवाने से मना किया, तो उन्हें धमकी दी गई।

वन स्टॉप सेंटर में चार दिन तक बंद

युवतियों का यह भी आरोप है कि उन्हें बाद में 'सखी वन स्टॉप सेंटर' भेज दिया गया, जहां उन्हें चार दिन तक एक कमरे में बंद रखा गया। उन्होंने बताया कि न तो उन्हें किसी से बात करने की अनुमति दी गई और न ही उन्हें बाहर निकलने दिया गया। इनका कहना है कि वे ननों के साथ अपनी मर्जी और अपने माता-पिता की इजाजत से जा रही थीं। इसके बावजूद उन्हें जबरन रोका गया और उत्पीड़न का शिकार बनाया गया।

बेल मिलने के बाद सामने आईं

गौरतलब है कि जिन दो ननों को युवतियों के साथ यात्रा करते हुए पकड़ा गया था, उन्हें 2 अगस्त को बेल मिल चुकी है। बेल मिलने के बाद ही तीनों युवतियां शनिवार को नारायणपुर SP ऑफिस पहुंचीं और लिखित आवेदन देकर न्याय की मांग की। आवेदन में उन्होंने पूरी घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन की चुप्पी

जब इस मामले में नारायणपुर SP रॉबिंसन गोरिया से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इससे प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है।

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