छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक चौंकाने वाला बैंक फ्रॉड सामने आया है, जहां एक्सिस बैंक के एक कर्मचारी ने खुद की ही शाखा के ग्राहकों को निशाना बनाते हुए करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की। यह मामला डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र का है, जहां एक्सिस बैंक की शाखा में कार्यरत लोन डिपार्टमेंट के कर्मचारी उमेश गोरले पर 2022 से 2025 के बीच लाखों के लोन और ओवरड्राफ्ट (ओडी) खातों को ग्राहकों के नाम पर स्वीकृत करवाने और उसका पैसा निकालने का आरोप है। अब तक कुल छह पीड़ित सामने आ चुके हैं और ठगी की अनुमानित राशि 1.06 करोड़ रुपये के पार जा चुकी है। हालांकि, पुलिस को आशंका है कि यह आंकड़ा 10 करोड़ से भी ज्यादा हो सकता है।
दस्तावेज और ओटीपी लेकर की ठगी
जानकारी के अनुसार, आरोपी उमेश गोरले बैंक के ग्राहकों को लोन दिलाने, केसीसी लिमिट बढ़ाने और एफडी कराने के बहाने उनसे जरूरी दस्तावेज और ओटीपी हासिल करता था। ग्राहकों को भ्रमित कर वह उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, चेकबुक और अन्य जरूरी दस्तावेज ले लेता था। इसके बाद वह उनके नाम पर ओवरड्राफ्ट खाते खुलवाकर या पर्सनल लोन स्वीकृत करवा कर रकम निकाल लेता था।
गौरतलब है कि कुछ मामलों में आरोपी ने अधिक रकम का लोन पास करवा कर उसमें से आधा पैसा ही संबंधित ग्राहक को दिया और शेष अपने पास रख लिया। वहीं कुछ मामलों में एफडी के बदले ओडी की सुविधा लेकर रकम हड़प ली गई। यह धोखाधड़ी इतनी योजनाबद्ध तरीके से की गई थी कि लंबे समय तक किसी को इसकी भनक नहीं लगी।
ग्राहक की शिकायत से हुआ खुलासा
इस जालसाजी का खुलासा तब हुआ, जब डोंगरगढ़ के एक वरिष्ठ ग्राहक चंदमल अग्रवाल ने बैंक में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उनके नाम पर बैंक में 99 लाख रुपये का ओडी खाता खोला गया था, जिससे करीब 31 लाख रुपये की निकासी हो चुकी थी। बैंक ने जब आंतरिक जांच की, तो मामले की गंभीरता सामने आई और अन्य कई ग्राहकों के साथ भी इसी तरह की धोखाधड़ी की पुष्टि हुई।
इन ग्राहकों से की गई ठगी
बैंक की जांच के अनुसार, पीड़ित ग्राहकों में चंदमल अग्रवाल के अलावा मूलचंद कोसरिया से 30 लाख रुपये, तीरथलाल पटेल से 1.5 लाख रुपये, बालक दास से 15.60 लाख रुपये, प्रमोद टेममुणीकर से 23.12 लाख रुपये और राशि लोहिया से 32.63 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। इन सभी मामलों में आरोपी ने बैंकिंग प्रक्रिया का दुरुपयोग करते हुए लोन और ओडी की रकम अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल की।
आरोपी को किया गया निलंबित, दर्ज हुई FIR
जब पीड़ितों ने आरोपी से अपनी राशि लौटाने की मांग की, तो पहले उसने अपनी गलती स्वीकारते हुए रकम लौटाने का आश्वासन दिया। लेकिन समय बीतने के बावजूद जब पैसे वापस नहीं मिले, तो ग्राहकों ने बैंक और पुलिस के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद बैंक प्रबंधन ने आरोपी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई गई।
पुलिस कर रही जांच, आरोपी की तलाश जारी
राजनांदगांव पुलिस के एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा ने बताया कि आरोपी उमेश गोरले के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस की विशेष टीम उसके ठिकानों पर दबिश दे रही है और गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
वहीं बैंकिंग अधिकारियों की एक टीम पूरे मामले की आंतरिक जांच कर रही है, ताकि और भी संभावित पीड़ितों की पहचान की जा सके। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बैंकिंग प्रक्रिया में गंभीर लापरवाही और आंतरिक नियंत्रण की कमी रही, जिसका फायदा उठाकर आरोपी ने करोड़ों रुपये की हेराफेरी की।
बैंक की प्रतिष्ठा को पहुंचा बड़ा नुकसान
इस घटना से एक्सिस बैंक की छवि को गहरा धक्का पहुंचा है। बैंकिंग संस्थानों पर आम जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि सभी लेन-देन की निगरानी और कर्मचारी गतिविधियों पर कठोर नियंत्रण रखा जाए। इस तरह की घटनाएं न केवल ग्राहकों के लिए बल्कि पूरी बैंकिंग प्रणाली के लिए खतरे का संकेत हैं।
संभावित पीड़ितों से अपील
पुलिस और बैंक प्रशासन ने उन सभी ग्राहकों से अपील की है, जो एक्सिस बैंक डोंगरगढ़ शाखा से जुड़े हैं, कि वे अपने लोन और खाते की स्थिति की तत्काल जांच कराएं। यदि किसी को भी अनियमितता का संदेह हो, तो वे बैंक और पुलिस से संपर्क कर सकते हैं। जांच टीम को आशंका है कि आने वाले दिनों में और भी पीड़ित सामने आ सकते हैं।
यह मामला बैंकिंग सुरक्षा और ग्राहक जागरूकता को लेकर एक गंभीर चेतावनी है, जिससे सबक लेना जरूरी है।