बिलासपुर की मोपका-सेंदरी सड़क को लेकर विधायक सक्रिय, नेशनल हाईवे जैसे निर्माण की मांग भारतमाला प्रोजेक्ट से जोड़ने और फोरलेन सड़क के लिए तैयार होगा नया प्रस्ताव


 

बिलासपुर। जिले की प्रमुख सड़कों में शुमार मोपका-सेंदरी बाइपास की बदहाल हालत को लेकर अब प्रशासन और जनप्रतिनिधि गंभीर नजर आ रहे हैं। सोमवार को बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला खुद मौके पर पहुंचे और कलेक्टर संजय अग्रवाल को साथ लेकर जर्जर सड़क का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि अब इस सड़क पर सिर्फ गिट्‌टी या डामर डालने से काम नहीं चलेगा, बल्कि इसे फोरलेन बनाकर भारतमाला परियोजना से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि आने वाले 25-30 वर्षों तक यह टिकाऊ और सुविधाजनक बनी रहे।



दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के बाद हरकत में आया प्रशासन

गौरतलब है कि मोपका-सेंदरी बाइपास की खस्ताहाल सड़कों और गहरे गड्ढों की खबर दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जिसे सोशल मीडिया पर व्यापक जन समर्थन मिला। खबर वायरल होने के बाद प्रशासन और सरकार हरकत में आई। अब इस सड़क को दुरुस्त करने और नई तकनीक से विकसित करने को लेकर गंभीर प्रयास शुरू हो गए हैं।

63.13 करोड़ का प्रस्ताव बना, लेकिन विधायक ने जताई असहमति

सड़क की मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए पीडब्ल्यूडी द्वारा 63.13 करोड़ रुपये का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया है। अफसरों का कहना है कि तैयारी शुरू हो चुकी है। लेकिन विधायक शुक्ला ने इस प्रस्ताव को नाकाफी बताया। उन्होंने कहा कि भारी वाहनों की आवाजाही के कारण डामरीकरण बार-बार क्षतिग्रस्त हो जाएगा। इसलिए अब भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सड़क निर्माण की योजना बननी चाहिए। उन्होंने अफसरों को स्पष्ट निर्देश दिए कि फोरलेन सड़क निर्माण और भारतमाला योजना से जुड़ाव का विस्तृत स्टीमेट तैयार करें।

भारतमाला योजना से जोड़ने की पहल

विधायक शुक्ला ने अधिकारियों को सुझाव दिया कि इस सड़क को अंबिकापुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे के हिस्से के रूप में देखा जाए और इसे ढेका-उरगा बाइपास से जोड़ा जाए। इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए जिससे राज्य और केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जब तक इस सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग की तरह मजबूत और चौड़ा नहीं बनाया जाएगा, तब तक आमजन को राहत नहीं मिलेगी।

अभी की चौड़ाई 23 मीटर, आवश्यकता इससे अधिक

फिलहाल इस सड़क की चौड़ाई करीब 23 मीटर है। विधायक ने कहा कि मौजूदा हालात और बढ़ते ट्रैफिक लोड को देखते हुए सड़क की चौड़ाई और क्षमता बढ़ानी होगी। इसके लिए कुछ निजी भूमि का अधिग्रहण भी करना पड़ सकता है, लेकिन जनता की सुविधा के लिए यह जरूरी है।

अस्थायी सुधार कार्य शुरू, पर स्थायी समाधान की जरूरत

जिला प्रशासन की ओर से सड़क पर बने गड्ढों को फिलहाल बोल्डर, गिट्टी और मुरुम डालकर अस्थायी रूप से समतल किया गया है। अधिकारियों का दावा है कि इससे अब वाहन चालकों को पहले जैसी परेशानी नहीं हो रही। लेकिन विधायक शुक्ला ने दोहराया कि केवल अस्थायी मरम्मत से जनता की समस्या खत्म नहीं होगी। सड़क की स्थायी और मजबूत संरचना आवश्यक है।

कोयला परिवहन मार्ग होने से बनानी होगी मजबूत सड़क

यह सड़क SECL और NTPC जैसे बड़े संस्थानों के कोयला परिवहन के लिए मुख्य मार्ग है। भारी ट्रकों की आवाजाही से सड़कों की हालत जल्दी खराब हो जाती है। ऐसे में विधायक का मानना है कि सामान्य डामर की सड़क यहां उपयुक्त नहीं है। इसे सीमेंट कंक्रीट या नेशनल हाईवे जैसी तकनीक से बनाया जाना चाहिए।

जनता को मिलेगा बड़ा लाभ

यदि विधायक की मांगों के अनुरूप यह सड़क फोरलेन बनकर भारतमाला प्रोजेक्ट से जुड़ती है, तो इससे न केवल बिलासपुर बल्कि आसपास के कई जिलों के नागरिकों को लाभ होगा। साथ ही कोयला उद्योग, व्यापार, और परिवहन क्षेत्र को भी राहत मिलेगी। आने वाले वर्षों में यह सड़क एक मजबूत और टिकाऊ आधारभूत ढांचे के रूप में उभर सकती है।

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