नवा रायपुर मेडिकल कॉलेज रिश्वतकांड: CBI ने 6 आरोपियों को दबोचा, 55 लाख की हवाला राशि जब्त चिकित्सा शिक्षा में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा, 40 ठिकानों पर छापेमारी


 

रायपुर, 2 जुलाई 2025 – छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर स्थित श्री रावतपुरा सरकार मेडिकल कॉलेज (SRIMSR) की मान्यता दिलाने के लिए 55 लाख रुपए की रिश्वत हवाला के माध्यम से दिए जाने के सनसनीखेज मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन वरिष्ठ डॉक्टरों समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी एक योजनाबद्ध ऑपरेशन के तहत मंगलवार को की गई, जिसमें देश के छह राज्यों में 40 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गई।

गिरफ्तार आरोपी

CBI ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें शामिल हैं:

  • डॉ. मंजप्पा सीएन (ऑर्थोपेडिक्स प्रोफेसर, मंड्या इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कर्नाटक)

  • डॉ. चैत्रा एमएस

  • डॉ. अशोक शेलके

  • अतुल कुमार तिवारी (SRIMSR कॉलेज से जुड़ा)

  • सथीशा ए

  • रविचंद्र के.

CBI ने इन सभी को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया और पांच दिन की हिरासत की मांग की, जिस पर कोर्ट जल्द फैसला ले सकती है।

रिश्वत के पीछे की साजिश

CBI की प्रारंभिक जांच के अनुसार, 30 जून 2025 को SRIMSR में निरीक्षण के लिए चार डॉक्टरों की टीम पहुंची थी। यहीं से भ्रष्टाचार की शुरुआत हुई। जांच में पाया गया कि निरीक्षण दल के सदस्य कॉलेज प्रशासन के प्रतिनिधियों से मिलीभगत कर निरीक्षण रिपोर्ट को अनुकूल बनाने के लिए 55 लाख रुपए की रिश्वत लेने को राजी हुए थे।

डॉ. मंजप्पा ने अपने सहयोगी डॉ. सतीश को हवाला माध्यम से रकम इकट्ठा करने के निर्देश दिए थे। तय रणनीति के अनुसार, डॉ. चैत्रा को उनकी हिस्सेदारी उनके निवास पर डॉ. सतीश द्वारा पहुंचाई जानी थी।

हवाला नेटवर्क का खुलासा, रकम जब्त

CBI ने बेंगलुरु में जाल बिछाकर कार्रवाई की और 55 लाख रुपए की पूरी राशि बरामद कर ली। इसमें से 38.38 लाख रुपए डॉ. मंजप्पा के सहयोगी सथीशा ए से और 16.62 लाख रुपए डॉ. चैत्रा के पति रविन्द्रन से बरामद किए गए। छापेमारी के दौरान CBI को महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल सबूत भी हाथ लगे हैं।

बचाव पक्ष की दलील

गिरफ्तार डॉक्टर्स के वकील का दावा है कि CBI ने गलत धारणा के आधार पर गिरफ्तारी की है। उनका कहना है कि डॉक्टर्स निरीक्षण के लिए आए थे और उन्होंने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभाई। रिश्वत लेने के आरोपों को उन्होंने सिरे से खारिज किया है।

CBI की प्रतिक्रिया

CBI अधिकारियों का कहना है कि यह मामला मेडिकल एजुकेशन सिस्टम में फैले व्यापक भ्रष्टाचार की एक कड़ी है और इसकी जड़ तक पहुंचने के लिए यह ऑपरेशन एक महत्वपूर्ण कदम है। जांच एजेंसी का मानना है कि निरीक्षण प्रक्रिया में हेरफेर कर कॉलेज को अनैतिक तरीके से मान्यता दिलाने की योजना बनाई गई थी।

आगे की कार्रवाई जारी

CBI इस पूरे मामले को एक व्यापक रैकेट के रूप में देख रही है और हवाला नेटवर्क, अन्य कॉलेजों से संभावित संबंध और उच्च स्तर पर मिलीभगत की जांच कर रही है। मामले में जल्द और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।


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