आशिकी पान मसाला पर DGGI की बड़ी कार्रवाई: छत्तीसगढ़ में करोड़ों की टैक्स चोरी का खुलासा, 3.75 करोड़ का माल जब्त


 

रायपुर, छत्तीसगढ़ | 19 जुलाई 2025

छत्तीसगढ़ में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) द्वारा की गई बड़ी कार्रवाई ने टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग के एक बड़े मामले का पर्दाफाश किया है। बुधवार को रायपुर, राजनांदगांव, कांकेर और कोंडागांव जिलों में आशिकी पान मसाला समूह के खिलाफ की गई छापेमारी में DGGI की टीम ने लगभग 3 करोड़ 75 लाख रुपये मूल्य का माल जब्त किया है। इसके साथ ही कई अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी अधिकारियों ने कब्जे में लिए हैं।

DGGI रायपुर जोन की टीम ने यह कार्रवाई टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग से संबंधित गंभीर शिकायतों के आधार पर की। इस रेड में कुल 16 वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने हिस्सा लिया, जिन्होंने आशिकी पान मसाला की निर्माण इकाई, गोदाम, कार्यालय और संबंधित डिस्ट्रीब्यूटर्स के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे।

जानकारी के अनुसार, छापेमारी की यह कार्रवाई 24 घंटे से भी अधिक समय तक चली, जिसमें राजनांदगांव जिले में स्थित आशिकी पान मसाला की निर्माण फैक्ट्री और डिस्ट्रीब्यूटर विश्वनाथ काबरा के रायपुर और मोवा स्थित ठिकानों को मुख्य रूप से निशाना बनाया गया। काबरा का दफ्तर रायपुर के शहीद स्मारक कॉम्प्लेक्स में और निवास मोवा के कूल होम्स में स्थित है। इन दोनों जगहों पर डीजीजीआई अधिकारियों ने दबिश देकर फर्जी बिलिंग, टैक्स चोरी और अनियमित लेन-देन से संबंधित कई दस्तावेजों को खंगाला।

कई स्तरों पर मिली गड़बड़ियां
अधिकारियों के अनुसार, रेड के दौरान कई बोगस बिल, दोहरी बहीखातों की प्रतियां, गुप्त लेन-देन से जुड़े मोबाइल फोन, कंप्यूटर हार्ड डिस्क, लैपटॉप और राउटर भी जब्त किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आशिकी पान मसाला और इससे जुड़ी संस्थाओं ने जीएसटी के नियमों को दरकिनार करते हुए करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी को अंजाम दिया है।

राजनांदगांव स्थित आशिकी पान मसाला के फ्रेंचाइजी संचालक नरेश मोटलानी और प्रदेश के प्रमुख वितरक (डिस्ट्रीब्यूटर) विश्वनाथ काबरा पर संदेह है कि उन्होंने जानबूझकर कई फर्जी कंपनियों के नाम से इनवॉइस तैयार करवाकर टैक्स चोरी की योजना बनाई।

डीजीजीआई की टीम का बयान
डीजीजीआई रायपुर जोन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब्त माल का मूल्य करीब 3.75 करोड़ रुपये है, जो बिना वैध बिलिंग के गोदामों में संग्रहित पाया गया। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामलों में आगे कानूनी प्रक्रिया के तहत टैक्स रिकवरी, जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारी ने यह भी कहा कि इस तरह की कर चोरी से न केवल सरकार के राजस्व को नुकसान होता है, बल्कि यह व्यवसायिक पारदर्शिता और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों के खिलाफ भी है।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब DGGI ने आशिकी पान मसाला समूह पर कार्रवाई की है। इससे पूर्व भी विभाग ने इसी ब्रांड की अन्य इकाइयों और डिस्ट्रीब्यूशन चैनलों पर छापेमारी कर अनियमितताओं को उजागर किया था। DGGI अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि टैक्स चोरी से जुड़े इस नेटवर्क की जांच आगे भी जारी रहेगी और अन्य संबंधित व्यावसायिक संस्थानों को भी जांच के दायरे में लिया जाएगा।

फिलहाल जारी है दस्तावेजों की जांच
जांच एजेंसी द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों, इलेक्ट्रॉनिक डेटा और डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच चल रही है। अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं, जिससे टैक्स चोरी का यह नेटवर्क पूरी तरह उजागर हो सकेगा।

इस कार्रवाई के बाद से प्रदेश के व्यापारिक समुदाय में हलचल है और व्यवसायियों में विभागीय कार्रवाई को लेकर सतर्कता बढ़ गई है। वहीं, सरकार ने संकेत दिए हैं कि कर चोरी को लेकर सख्ती और बढ़ेगी और ऐसे मामलों में किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।


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