बिलासपुर, छत्तीसगढ़: कोटा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां अंतरजातीय विवाह करने पर पुलिस विभाग में पदस्थ DSP डॉ. मेखलेंद्र प्रताप सिंह और उनके पूरे परिवार का बहिष्कार कर दिया गया। शिकायत पर पुलिस ने सतगढ़ तंवर समाज के अध्यक्ष और पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
ग्राम नुनेरा निवासी और वर्तमान में सरगुजा संभाग में पदस्थ DSP मेखलेंद्र ने सरगुजा की एक युवती से अंतरजातीय विवाह किया। इस विवाह को लेकर तंवर समाज के पदाधिकारियों ने अप्रैल में एक बैठक आयोजित की, जिसमें डॉ. सिंह और उनके परिवार को समाज से अलग करने का निर्णय लिया गया। 28 अप्रैल 2025 को समाज के लेटर पैड पर यह बहिष्कार आदेश जारी किया गया।
समाज की बनाई गई दंड विधान नियमावली में इंटरकास्ट मैरिज को "सामाजिक अपराध" की श्रेणी में रखा गया है। इसी आधार पर न केवल परिवार को बहिष्कृत किया गया, बल्कि विवाह में शामिल हुए अन्य समाज सदस्यों पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
शिकायत के अनुसार, बहिष्कार के विरोध पर डॉ. सिंह के भाई-बहन को गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, जिस पर समाज के अध्यक्ष मनोहन प्रताप सिंह समेत अन्य के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।
यह मामला समाज में जातिगत नियमों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के टकराव को उजागर करता है। पुलिस अब इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।