छत्तीसगढ़ में दुबई से सोना-चांदी तस्करी का बड़ा खुलासा, ED ने 3.76 करोड़ की संपत्ति अटैच की


 

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दुबई से सोना-चांदी की तस्करी कर छत्तीसगढ़ में खपाने वाले नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई की है। ED ने तस्कर सचिन केदार और पुरुषोत्तम कवले की 3 करोड़ 76 लाख रुपए की संपत्ति अटैच कर ली है। इस संपत्ति में बैंक अकाउंट्स में जमा रकम, रियल एस्टेट संपत्ति और जमीनें शामिल हैं। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत की गई है।

तस्करी में 260 करोड़ से अधिक का सोना खपाया गया
ED के अनुसार, दुबई से मंगाए गए सोने और चांदी की इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ के कई जिलों में तस्करी कर 260 करोड़ 97 लाख रुपए कीमती धातुएं खपाई हैं। अब तक इस नेटवर्क से जुड़ी 64 करोड़ 14 लाख रुपए की संपत्तियां जब्त और अटैच की जा चुकी हैं। जांच में रायपुर के सहेली ज्वेलर्स, नवकार ज्वेलर्स, सुमीत ज्वेलर्स, सागर ज्वेलर्स और धीरज बैद जैसे बड़े नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने विदेशी सोना खरीदा था।

2021 में कोलकाता एयरपोर्ट से हुआ था खुलासा
यह मामला पहली बार अप्रैल 2021 में तब सामने आया, जब डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) ने कोलकाता एयरपोर्ट पर दो तस्करों को गिरफ्तार किया। उनकी बेल्ट में छिपा कर दुबई से लाया गया सोना पकड़ा गया था। पूछताछ में उन्होंने बताया कि यह सोना राजनांदगांव के मोहनी ज्वेलर्स को देना था।

इसके बाद DRI ने छापेमारी का दायरा बढ़ाया और 1 मई 2021 को राजनांदगांव में जसराज शांतिलाल बैद के घर पर रेड की। यहां से सोना-चांदी तस्करी के बड़े सिंडिकेट का खुलासा हुआ, जिसका मास्टरमाइंड विजय बैद उर्फ विक्की निकला। विक्की दुबई से सोना तस्करी कर भारत लाने की पूरी चैन को संचालित करता था।

सोना-चांदी तस्करी का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क
ED की जांच में खुलासा हुआ कि दुबई से तस्करी का सोना पहले म्यांमार या बांग्लादेश भेजा जाता था। फिर नॉर्थ ईस्ट राज्यों के रास्ते सोना भारत में प्रवेश करता था। इसके बाद ट्रेन, फ्लाइट और सड़क मार्ग से तस्कर इसे छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव पहुंचाते थे।

ED के मुताबिक, सचिन केदार इस नेटवर्क का सक्रिय सदस्य था, जो कोलकाता से रायपुर, नागपुर और मुंबई तक सोना-चांदी की सप्लाई करता था। राजनांदगांव से यह सोना रायपुर, दुर्ग और अन्य जिलों के बड़े ज्वेलर्स तक पहुंचता था।

छत्तीसगढ़ बना तस्करी का बड़ा कॉरिडोर
DRI के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 8 सालों में छत्तीसगढ़ में 50 करोड़ रुपए से अधिक का तस्करी का सोना-चांदी जब्त किया गया है। हैरानी की बात यह है कि तस्कर छत्तीसगढ़ को तस्करी के कॉरिडोर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। यहां से सोना-चांदी न केवल स्थानीय बाजारों में बेचा जाता था, बल्कि महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों तक इसकी सप्लाई होती थी।

अब तक 25 से अधिक तस्करों पर कार्रवाई
रायपुर में DRI के ज़ोनल ऑफिस खुलने के बाद तस्करों पर शिकंजा कसना तेज हो गया है। अब तक 25 से अधिक तस्करों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है और ED की कार्रवाई लगातार जारी है। जांच एजेंसियों की नजर अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य कारोबारियों और हवाला चैनलों पर है।

कार्रवाई से बढ़ा बाजार में हड़कंप
इस कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ के ज्वेलरी बाजार में हड़कंप मचा है। व्यापारियों के बीच चर्चा है कि इस सिंडिकेट में और भी बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। वहीं ED ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में और भी तस्करों की संपत्तियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

जांच एजेंसियों का अलर्ट
ED और DRI दोनों एजेंसियों ने राज्य भर के एयरपोर्ट्स और सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है। इसके अलावा सोना-चांदी कारोबार से जुड़े बड़े व्यापारियों की भी जांच की जा रही है। एजेंसियां अब हवाला और बैंकिंग चैनलों की जांच में जुटी हैं।

फिलहाल जांच जारी, बड़े खुलासों की संभावना
सूत्रों के अनुसार, यह सिंडिकेट केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी इसकी जड़ें फैली हुई हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि आने वाले समय में इस मामले में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

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