छत्तीसगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी को देखते हुए राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। विभाग ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) को 125 असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस संबंध में आधिकारिक सूचना जारी की जाएगी और भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राज्य के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में लंबे समय से फैकल्टी की कमी गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। खासतौर पर एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, फार्माकोलॉजी जैसे बुनियादी विषयों में शिक्षकों की कमी छात्रों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर डाल रही है। जूडा (जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन) ने भी हाल ही में विभाग को शिकायत करते हुए इस ओर ध्यान आकृष्ट किया था कि कई कॉलेजों में एक ही विभाग में कई-कई पद रिक्त हैं।
कुछ संस्थानों में तो संविदा शिक्षकों के भरोसे ही पढ़ाई चल रही है, जो कि स्थायी समाधान नहीं है। कई छात्रों को मजबूरी में यूट्यूब और गूगल जैसे ऑनलाइन माध्यमों से पढ़ाई करनी पड़ रही है, जिससे गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
माना जा रहा है कि यदि ये 125 पद नियमित सहायक प्राध्यापकों से भरे जाते हैं, तो इससे मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा और विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सकेगा। यह कदम राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
राज्य में रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, राजनांदगांव, अंबिकापुर, जगदलपुर, महासमुंद, कोरबा, कांकेर और कबीरधाम में कुल 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन संस्थानों में छात्र-छात्राओं की संख्या में वृद्धि तो हो रही है, लेकिन शिक्षक अनुपात में वह संतुलन नहीं बन पाया है, जिसकी आवश्यकता है।
CGPSC द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया के लिए जल्द ही विज्ञापन जारी किए जाने की संभावना है। पात्र और इच्छुक उम्मीदवारों के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है, खासकर उनके लिए जो मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।