रायपुर रेल मंडल में शिकायतों का अंबार, समाधान की रफ्तार बेहद धीमी छह महीने में 8385 शिकायतें, सिर्फ 698 का समाधान; यात्रियों में नाराजगी


 

रायपुर रेल मंडल में यात्रियों की समस्याओं का समाधान गंभीर चिंता का विषय बनता जा रहा है। जनवरी से जून 2025 के बीच रेल मदद ऐप और सोशल मीडिया के जरिए 8385 शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन इनमें से सिर्फ 698 शिकायतों का ही समाधान हो पाया। यानी महज 33% मामलों में ही रेलवे समाधान तक पहुँच पाया

रेलवे के अनुसार, 5198 शिकायतों में यात्रियों से संपर्क ही नहीं हो पाया, जिसके पीछे कारण बताया गया कि यात्री नो नेटवर्क जोन में थे या फोन स्विच ऑफ था। वहीं 387 शिकायतकर्ताओं ने समाधान से असंतोष जताया

यात्रियों की प्रमुख शिकायतें:

  • प्लेटफॉर्म व ट्रेनों में मोबाइल या सामान भूलना

  • रिजर्व सीट पर अन्य यात्री का कब्जा

  • गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों को सीट की असुविधा

  • मेडिकल इमरजेंसी पर मदद न मिलना

  • रेलवे कर्मचारियों की अभ्रदता और लापरवाही

  • पैंट्री वेंडर्स द्वारा ओवरचार्जिंग

  • ट्रेनों में गंदगी, शौचालयों में पानी की कमी

  • बेड रोल का गंदा होना

  • ट्रेनों की लेटलतीफी

  • खराब भोजन की शिकायतें



रेलवे की सफाई:

रेल प्रशासन का कहना है कि शिकायतकर्ता अक्सर मोबाइल नेटवर्क से बाहर होते हैं या कॉल रिसीव नहीं करते, जिससे समाधान प्रक्रिया प्रभावित होती है। मगर लगातार असंतुष्ट यात्रियों की संख्या इस सफाई पर सवाल खड़े करती है।


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