छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मंगलवार को दो अलग-अलग स्थानों पर दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आईं। पहली घटना हसदेव थर्मल पावर स्टेशन (HTPS) की है, जहां एक युवक की कन्वेयर बेल्ट से गिरने से मौत हो गई। वहीं दूसरी घटना सुभाष ब्लॉक के पास तेज रफ्तार कार द्वारा पिकअप वाहन को टक्कर मारने और आग लगने की है। दोनों मामलों में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
कन्वेयर बेल्ट से गिरकर मजदूर की मौत
कोरबा के दर्री थाना क्षेत्र स्थित हसदेव थर्मल पावर स्टेशन (HTPS) में कार्यरत 26 वर्षीय सूरज गोस्वामी की काम के दौरान दर्दनाक मौत हो गई। सूरज मध्यप्रदेश के कटनी जिले का रहने वाला था और कोरबा के दर्री क्षेत्र में किराए के मकान में रह रहा था। वह एमएस कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से HTPS में वेल्डर का कार्य कर रहा था।
मंगलवार को सूरज कन्वेयर बेल्ट की मरम्मत के लिए 20 फीट ऊंचाई पर चढ़ा था। मेंटेनेंस कार्य के दौरान अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर गया। गिरते ही वह गंभीर रूप से घायल हो गया। तत्काल उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि प्लांट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे, जिसके चलते यह हादसा हुआ। सूरज हाल ही में शादीशुदा था और घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। उसकी मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और उचित मुआवजे की मांग की। मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे। चर्चा के बाद ठेकेदार ने 11 लाख रुपए मुआवजे पर सहमति दी, जिनमें से 4 लाख रुपए नकद तत्काल परिजनों को दिए गए। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है और आगे की जांच जारी है।
तेज रफ्तार कार की टक्कर और आगजनी की घटना
दूसरी घटना शहर के सुभाष ब्लॉक स्थित पोस्ट ऑफिस के पास हुई। कार (CG 04 QE 4323) निहारिका घंटाघर की ओर से तेज रफ्तार में आ रही थी, जिसने एक खड़ी पिकअप वाहन को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि पिकअप के साथ-साथ बगल की कॉलोनी की दीवार भी क्षतिग्रस्त हो गई।
गनीमत रही कि इस दुर्घटना में कोई जान का नुकसान नहीं हुआ। हादसे की सूचना पर स्थानीय लोगों ने मानिकपुर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार को जब्त किया और चालक एनएस कुमार के खिलाफ धारा 185 (नशे में वाहन चलाना) के तहत कार्रवाई की गई।
हैरानी की बात यह रही कि जब कार को मानिकपुर चौकी लाया गया और बैक गियर में खड़ी की गई, उसी दौरान अचानक वाहन में आग लग गई। कार में मौजूद तीनों लोग समय रहते बाहर निकल आए, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ।
स्थानीय दुकानदारों और पुलिस की मदद से लगभग 30 पानी की बोतलों से आग बुझाने की कोशिश की गई, लेकिन जब आग नहीं बुझी, तो रेत डालकर स्थिति को काबू में लाया गया। वाहन में तकनीकी खराबी या बैटरी शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
मानिकपुर चौकी के एएसआई अमर जायसवाल ने बताया कि घटना की जांच जारी है। हादसे में वाहन और पास की निजी संपत्ति को नुकसान हुआ है। गनीमत रही कि इस पूरे घटनाक्रम में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ।
समाज में सवाल खड़े करती हैं ये घटनाएं
इन दोनों घटनाओं ने न केवल सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि प्रशासन की सतर्कता पर भी। एक ओर मजदूरों की सुरक्षा के लिए बेसिक सेफ्टी गियर तक नहीं मुहैया कराया जा रहा, वहीं दूसरी ओर शहर में तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने की प्रवृत्ति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
समय रहते इन मामलों पर कड़े कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में और भी बड़ी दुर्घटनाएं होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।