छत्तीसगढ़ में दो अलग-अलग सड़कों पर दर्दनाक हादसे: दो की मौके पर मौत, लापरवाही बनी जानलेवा


 

छत्तीसगढ़ के कोरबा और कांकेर जिलों में हाल ही में दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं ने प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इन दोनों हादसों में दो निर्दोष व्यक्तियों की मौत हो गई। एक घटना में तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क पार कर रहे किसान को रौंद डाला, वहीं दूसरी घटना में एक तेज रफ्तार बाइक की टक्कर से मंडी निरीक्षक की जान चली गई। दोनों मामलों में लापरवाही और तेज गति का खामियाजा जान देकर चुकाना पड़ा।


पहली घटना: कोरबा जिले में किसान की मौत

कोरबा जिले के बांगो थाना क्षेत्र में मंगलवार को 42 वर्षीय किसान बलजोर श्याम की एक गंभीर सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। बलजोर ग्राम झिनपुरी के निवासी थे और कुछ जरूरी सामान खरीदने चोटिया आए हुए थे। जब वे सड़क पार कर रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने उन्हें जबरदस्त टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि बलजोर दूर जा गिरे और उनके सिर में गंभीर चोटें आईं।

स्थानीय लोगों ने तुरंत घायल बलजोर को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस बुलाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इस दुर्घटना ने एक बार फिर क्षेत्र की सड़क व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस चौक पर यह हादसा हुआ, वहां पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। वहां गति नियंत्रित करने के लिए ब्रेकर की कमी लंबे समय से बनी हुई है, जिससे वाहन बिना रुकावट के तेज रफ्तार में गुजरते हैं।

इस घटना के बाद पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है और ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है। एडिशनल एसपी नीतिश ठाकुर ने बताया कि आरोपी चालक के खिलाफ आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।


दूसरी घटना: कांकेर जिले में मंडी निरीक्षक की जान गई

रविवार को कांकेर जिले के चारामा थाना क्षेत्र में एक और दर्दनाक हादसा हुआ। चारामा कृषि उपज मंडी समिति में कार्यरत निरीक्षक पुरुषोत्तम सेन (58) ड्यूटी के बाद अपनी बाइक से घर लौट रहे थे। नेशनल हाईवे-30 पर जैसे ही वे बैंक ऑफ बड़ौदा के सामने पहुंचे, तभी पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार बाइक ने उन्हें टक्कर मार दी।

टक्कर के बाद पुरुषोत्तम संतुलन खो बैठे और सड़क पर गिर पड़े। उसी समय एक पेट्रोलियम टैंकर उनके पास से गुजर रहा था, जिसके नीचे आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सिर और शरीर में आई गंभीर चोटों के कारण उनका अत्यधिक रक्तस्राव हुआ और उन्हें बचाया नहीं जा सका।

हादसे के तुरंत बाद राहगीरों ने घायल पुरुषोत्तम को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं, बाइक सवार भी गिरकर घायल हुआ, लेकिन उसकी स्थिति सामान्य बताई जा रही है।


जरूरी सवाल और सुझाव

इन दोनों घटनाओं ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारी सड़कें वाकई सुरक्षित हैं? क्या गति नियंत्रण और यातायात नियमों को लेकर पर्याप्त जागरूकता है? क्या ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन ऐसे संवेदनशील स्थानों की निगरानी के लिए पर्याप्त कदम उठा रहा है?

इन घटनाओं से सबक लेकर प्रशासन को चाहिए कि हाईवे और प्रमुख सड़कों पर गति नियंत्रक यंत्र जैसे ब्रेकर और चेतावनी संकेतक लगाए जाएं। साथ ही, तेज रफ्तार वाहन चालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

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