छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत: भिलाई से दौड़ेंगी पहली ई-बसें, शहरी परिवहन में आएगा बड़ा बदलाव


 

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के चार प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। भारत सरकार की प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत इस योजना का संचालन किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में प्रदूषण रहित, टिकाऊ और स्मार्ट सार्वजनिक परिवहन सेवा उपलब्ध कराना है। इस योजना की शुरुआत सबसे पहले दुर्ग-भिलाई क्षेत्र से होगी, जहां कुल 50 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। ये बसें भिलाई से राजधानी रायपुर सहित अन्य रूटों पर दौड़ेंगी।

नेहरू नगर में बन रहा अत्याधुनिक ई-बस स्थानक

भिलाई के नेहरू नगर में एक अत्याधुनिक ई-बस स्थानक का निर्माण किया जा रहा है, जो इस योजना का प्रमुख केंद्र बनेगा। यहां पर बसों की पार्किंग के साथ-साथ चार्जिंग पॉइंट्स की सुविधा भी विकसित की जा रही है। अभी तक 75 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और बाकी कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है ताकि जल्द ही बसों का संचालन शुरू किया जा सके।

आबादी के हिसाब से ई-बसों का वितरण

भारत सरकार ने इस योजना के तहत शहरों की आबादी के अनुसार ई-बसों का वितरण तय किया है। 5 लाख से कम आबादी वाले शहरों को 50 मीडियम ई-बसें दी जाएंगी। इसी के तहत दुर्ग-भिलाई क्षेत्र को 50 मीडियम ई-बसों की मंजूरी मिली है। राजधानी रायपुर को 100 मीडियम ई-बसें, बिलासपुर को 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसें तथा कोरबा को 20 मीडियम और 20 मिनी ई-बसें प्रदान की जाएंगी।

इस निर्णय से इन शहरों में लंबे समय से चली आ रही बेहतर सार्वजनिक परिवहन की मांग पूरी होगी। खासकर दुर्ग-भिलाई क्षेत्र, जहां सिटी बस सेवा की मांग काफी समय से की जा रही थी, अब इस योजना के जरिए लोगों को सुविधाजनक और स्वच्छ परिवहन सेवा मिलने लगेगी।

पारदर्शिता के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य

इस योजना की एक बड़ी विशेषता यह है कि केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली वित्तीय सहायता को पारदर्शी बनाने के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट अनिवार्य किया गया है। इसके तहत संबंधित शहरों को हर तीन महीने में संचालन से जुड़ा खर्च और प्रदर्शन की रिपोर्ट पेश करनी होगी। यह व्यवस्था सरकारी योजनाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।

किलोमीटर आधारित सब्सिडी मॉडल

ई-बसों की खरीद और संचालन के लिए एजेंसियों का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा और इन्हें प्रति किलोमीटर चलन पर आधारित सब्सिडी दी जाएगी। यदि बसें तय दूरी से कम चलती हैं तो उसी अनुपात में वित्तीय सहायता भी कम कर दी जाएगी। इससे बस संचालन की दक्षता को बढ़ावा मिलेगा और निजी ऑपरेटरों को गुणवत्तापूर्ण सेवा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

शहरी परिवहन में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद

जनसंपर्क अधिकारी तुलेश्वर साहू ने जानकारी दी कि भिलाई में पीएम ई-बस स्थानक का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। उन्होंने बताया कि जैसे ही बसें उपलब्ध होंगी, संचालन कार्य तुरंत शुरू कर दिया जाएगा। यह सेवा छत्तीसगढ़ में शहरी परिवहन को एक नई दिशा देने के साथ-साथ पर्यावरण की दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी।

इलेक्ट्रिक बसों के आगमन से न केवल सार्वजनिक परिवहन को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह कदम राज्य को प्रदूषण मुक्त, पर्यावरण अनुकूल और आधुनिक यातायात प्रणाली की ओर ले जाएगा। आने वाले दिनों में रायपुर, बिलासपुर और कोरबा जैसे अन्य प्रमुख शहरों में भी इस योजना को लागू किया जाएगा, जिससे लाखों लोगों को राहत मिलेगी।

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