धमतरी, छत्तीसगढ़ — सावन के अंतिम सोमवार को भगवान शिव को जल चढ़ाने जा रहे श्रद्धालुओं के उत्साह और श्रद्धा को एक दर्दनाक हादसे ने झकझोर कर रख दिया। धमतरी जिले के अर्जुनी थाना क्षेत्र में कांवड़ यात्रा के दौरान एक अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने तीन कांवड़ियों को कुचल दिया। इस हादसे में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरा गंभीर रूप से घायल है और उसका इलाज जारी है।
यात्रा के दौरान मची चीख-पुकार
जानकारी के अनुसार, ग्राम पेपर छड़ी के तीन युवा—राहुल साहू (18), कन्हैया साहू (17) और मोक्ष साहू, रविवार देर रात कांवड़ लेकर रुद्रेश्वर महादेव धाम के लिए रवाना हुए थे। यात्रा के दौरान जब वे ग्राम तेलीनसत्ती के पास तरसींवा मोड़ पर पहुंचे, तभी एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि राहुल और कन्हैया की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि मोक्ष गंभीर रूप से घायल हो गया।
साथी यात्रियों ने निभाई इंसानियत
हादसे के तुरंत बाद पीछे से आ रहे अन्य कांवड़ यात्रियों ने मौके पर पहुंचकर तीनों को सड़क से हटाया और तुरंत एंबुलेंस की मदद से अस्पताल भिजवाया। लेकिन डॉक्टरों ने राहुल और कन्हैया को मृत घोषित कर दिया। मोक्ष का इलाज फिलहाल धमतरी के एक निजी अस्पताल में चल रहा है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
घर में मचा कोहराम
इस दुखद घटना की खबर मिलते ही दोनों मृतकों के परिवारों में मातम छा गया। राहुल और कन्हैया दोनों ही पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहते थे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। गांव में भी गम का माहौल है, क्योंकि ये तीनों युवा गांव के लिए गौरव का प्रतीक माने जाते थे।
पुलिस ने शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही अर्जुनी पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। घटनास्थल पर मिले कुछ टायरों के निशानों और CCTV फुटेज के आधार पर पुलिस वाहन की पहचान करने का प्रयास कर रही है।
रुद्रेश्वर महादेव में उमड़ती है श्रद्धा की भीड़
रुद्रेश्वर महादेव धाम धमतरी जिले का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां सावन के महीने में हजारों की संख्या में श्रद्धालु जल चढ़ाने पहुंचते हैं। अंतिम सोमवार होने के कारण इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ और अधिक थी। ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्था की भी गंभीरता से समीक्षा की जा रही है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
सवाल उठते हैं सुरक्षा व्यवस्था पर
हर वर्ष हजारों कांवड़िए पैदल लंबी दूरी तय कर भगवान शिव के दर्शन को निकलते हैं, लेकिन उनके मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था अक्सर सवालों के घेरे में रहती है। न तो पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाता है, न ही यातायात को सुचारू रूप से नियंत्रित किया जाता है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती हैं।
श्रद्धा में समर्पण और सिस्टम की लापरवाही का टकराव
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि श्रद्धा से जुड़ी यात्राओं में जब तक सुरक्षा और व्यवस्था का संतुलन नहीं होगा, तब तक ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे। यह जरूरी है कि जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और स्थानीय निकाय मिलकर ऐसी धार्मिक यात्राओं को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं।