छत्तीसगढ़ में इंटर स्टेट बस संचालन में बड़े स्तर पर अनियमितताएं सामने आई हैं। परिवहन विभाग की एक महीने की सघन जांच में यह खुलासा हुआ है कि करीब 300 बसों को ही वैध इंटर स्टेट परमिट जारी किया गया है, जबकि रोजाना 500 से अधिक बसें राज्य की सीमा पार कर अन्य राज्यों में जा रही हैं। इससे सरकार को लाखों रुपए के टैक्स का नुकसान हो रहा है।
एक दिन के परमिट में हो रही छेड़छाड़
जांच में पता चला कि अधिकांश बस संचालक विशेष अस्थायी परमिट के नाम पर एक दिन का परमिट लेते हैं। बाद में इन दस्तावेजों में हेरफेर कर उसे स्थायी परमिट जैसा बना देते हैं और महीनों तक बसें चला रहे हैं। सड़कों और टोल नाकों पर निगरानी की कमी और स्थानीय स्तर पर लेन-देन के चलते ये बसें आसानी से अपनी यात्रा पूरी कर लेती हैं।
उड़नदस्तों की जांच में हुआ पर्दाफाश
परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, निरीक्षकों और उड़नदस्तों की टीम ने पिछले एक महीने में लगातार निगरानी की। इसके बाद ही इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ। अब सड़क मार्गों पर जांच सख्त कर दी गई है। जैसे ही कोई बस राज्य से बाहर जाने वाली पाई जाती है, उसे सीमा पार करने से पहले रोक कर दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
अब तक 124 बसों पर कार्रवाई
अब तक की कार्रवाई में 124 इंटर स्टेट बसों पर जुर्माना लगाया गया है और 2 लाख रुपए से अधिक की राशि वसूली जा चुकी है। हैदराबाद, रांची, नागपुर, विशाखापट्नम, कानपुर और इलाहाबाद जैसे शहरों की ओर जाने वाली बसों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
स्कैनिंग और ऑन-स्पॉट सत्यापन शुरू
आरटीओ रायपुर सहित अन्य जिलों में अब अस्थायी परमिट जारी करने से पहले बारीकी से स्कैन किया जा रहा है। यह देखा जा रहा है कि बस कहां से कहां तक जाएगी, कितने समय के लिए परमिट मांगा गया है और वह कब लौटेगी। इसके अतिरिक्त, निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे परमिट समाप्ति की तिथि पर मौके पर जाकर सत्यापन करें कि संबंधित बस लौट आई है या नहीं।
यातायात संघ का विरोध
परिवहन विभाग की इस सख्ती का कुछ यातायात संगठनों द्वारा विरोध भी हो रहा है। उनका कहना है कि जांच के नाम पर बसों को बीच रास्ते में रोका जा रहा है, जिससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार यात्रियों को बस में ही बैठकर घंटों इंतजार करना पड़ता है।
आगे भी जारी रहेगी जांच
परिवहन विभाग ने साफ किया है कि यह कार्रवाई रुकने वाली नहीं है। विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग उड़नदस्तों की तैनाती की गई है, जो अलग-अलग तारीखों में औचक जांच कर रहे हैं। भविष्य में यदि कोई बस परमिट की अवधि खत्म होने के बाद भी पाई जाती है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस पूरे मामले से साफ हो गया है कि अब परिवहन विभाग अनियमितताओं को लेकर पूरी तरह गंभीर हो गया है। टैक्स चोरी और नियमों का उल्लंघन करने वाले बस ऑपरेटरों पर अब शिकंजा कसा जा रहा है। इससे न केवल सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि आम यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।