राजनांदगांव जिले के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा कराने की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। अब अऋणी कृषक 14 अगस्त 2025 तक और ऋणी कृषक 31 अगस्त 2025 तक अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। यह कदम जिले के हजारों किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करेगा, ताकि प्राकृतिक आपदाओं या अनियंत्रित परिस्थितियों के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई संभव हो सके।
कृषि विभाग के उपसंचालक टीकम सिंह ठाकुर ने किसानों से अपील की है कि जो किसान अब तक बीमा नहीं करा पाए हैं, वे तुरंत नजदीकी लोक सेवा केंद्र, बैंक या समिति में संपर्क करके अपनी फसलों का बीमा करवाएं। उन्होंने बताया कि यह योजना किसानों को बुवाई से लेकर कटाई तक हर चरण में गैर-रोकथाम योग्य प्राकृतिक जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा देती है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव कम पड़ता है।
2024 में बड़ी संख्या में किसानों को लाभ
वर्ष 2024 में इस योजना के तहत जिले के 1,17,866 किसानों ने 1,43,465.56 हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कराया था। इनमें 1,09,178 ऋणी और 8,688 अऋणी किसान शामिल थे। फसल कटाई के बाद प्राप्त उपज के आंकड़ों के आधार पर 2,733 किसानों को 6 करोड़ 21 लाख 19 हजार 101 रुपए सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए। यह दर्शाता है कि योजना न केवल जोखिम से बचाव करती है बल्कि किसानों को समय पर आर्थिक मदद भी प्रदान करती है।
रबी 2024-25 में बढ़ा कवरेज
रबी सीजन 2024-25 में जिले के 31,634 किसानों ने 39,431.58 हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कराया। इनमें 19,473 ऋणी और 12,161 अऋणी कृषक शामिल थे। कटाई के बाद आंकड़ों के आधार पर 20,380 किसानों के लिए 33 करोड़ 23 लाख 21 हजार 247 रुपए का दावा तैयार कर लिया गया है। इन दावों का भुगतान डीजी क्लेम पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा, जिससे भुगतान प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति आएगी।
2025 में अब तक की स्थिति
साल 2025 में अब तक 1,065.81 हेक्टेयर क्षेत्र का फसल बीमा हो चुका है। कृषि विभाग का मानना है कि तिथि बढ़ने के बाद और भी किसान योजना का लाभ उठाएंगे। विभाग इस दिशा में जागरूकता कार्यक्रम और प्रचार-प्रसार पर जोर दे रहा है, ताकि कोई भी पात्र किसान इससे वंचित न रह जाए।
योजना की विशेषताएं
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए एक किफायती और भरोसेमंद बीमा विकल्प है। यह योजना सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, चक्रवात, भूस्खलन, बिजली गिरना और कीट-पतंगों के आक्रमण जैसी प्राकृतिक और आकस्मिक घटनाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई करती है। योजना के अंतर्गत किसानों को उनकी फसल की लागत का केवल एक छोटा हिस्सा प्रीमियम के रूप में देना होता है, जबकि शेष राशि केंद्र और राज्य सरकारें वहन करती हैं।
किसानों के लिए संदेश
कृषि विभाग का स्पष्ट संदेश है कि मौसम और जलवायु में हो रहे बदलाव के कारण प्राकृतिक आपदाओं का खतरा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में फसल बीमा न केवल एक सुरक्षा कवच है बल्कि किसानों के भविष्य को सुरक्षित करने का एक मजबूत कदम भी है। इस योजना से जुड़कर किसान अपनी मेहनत की कमाई और फसल दोनों को सुरक्षित रख सकते हैं।