दुर्ग में स्कूल के अंदर छात्र से बर्बर मारपीट: ICU में भर्ती, प्रबंधन की लापरवाही उजागर


 

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित एक प्रतिष्ठित स्कूल में गुरुवार को हुई एक गंभीर घटना ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डीएवी मॉडल स्कूल के कक्षा 11वीं में पढ़ने वाले छात्र अरमान खान (16 वर्ष) को लंच टाइम के दौरान उसी स्कूल के 10वीं कक्षा के कुछ छात्रों ने बुरी तरह पीट दिया। यह पूरी घटना मोहन नगर थाना क्षेत्र की है, और घायल छात्र को गंभीर हालत में ICU में भर्ती किया गया है।

क्या हुआ था उस दिन?

घटना 7 अगस्त को दोपहर लंच टाइम के दौरान हुई जब अरमान वाशरूम की ओर जा रहा था। उसी दौरान स्कूल की सीढ़ियों के पास कुछ 10वीं के छात्रों ने अचानक उस पर हमला कर दिया। पीड़ित का कॉलर खींचते हुए उसे गालियां दी गईं और धक्का देकर नीचे गिरा दिया गया। इसके बाद उसे बुरी तरह पीटा गया, जिससे उसके कान से खून निकलने लगा और एक दांत टूट गया। साथ ही आंख भी सूज गई। पीड़ित ने बताया कि हमलावरों में से उसे सिर्फ एक छात्र का चेहरा याद है।

बीच-बचाव करने आई उसकी क्लासमेट जारा को भी हमलावरों ने धक्का देकर दूर कर दिया। जब मारपीट ज्यादा बढ़ गई, तो एक शिक्षक मौके पर पहुंचे और झगड़ा छुड़ाया।

इलाज और हालत नाजुक

स्कूल प्रबंधन ने घायल छात्र को गंगोत्री अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां हालत बिगड़ने पर उसे शंकराचार्य अस्पताल रेफर किया गया, जहां ICU में उसका इलाज जारी है। डॉक्टर्स के अनुसार, उसकी हालत फिलहाल स्थिर है लेकिन गहन देखरेख की जरूरत है।

परिजनों का गुस्सा और FIR दर्ज

घटना के बाद अरमान के परिजनों ने मोहन नगर थाने में FIR दर्ज कराई है और हमलावर छात्रों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। अरमान की मां शगुफ्ता अंजुम ने कहा कि उनके बेटे पर बेरहमी से हमला किया गया और स्कूल ने इस पूरे मामले को हल्के में लिया।

प्रिंसिपल का बयान और विवाद

स्कूल की प्रिंसिपल रम्मी सिंह ने इस गंभीर घटना को "सामान्य विवाद" बताते हुए कहा कि स्कूल ने अपनी ओर से तुरंत कदम उठाए। उन्होंने दावा किया कि घायल छात्र को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया और परिजनों को सूचित किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हमलावर छात्रों को स्कूल से निलंबित कर दिया गया है और उनके टीसी (स्थानांतरण प्रमाणपत्र) जारी करने पर विचार चल रहा है।

हालांकि, प्रिंसिपल ने छात्रों की मानसिकता के लिए स्कूल प्रबंधन या शिक्षकों को ज़िम्मेदार मानने से इनकार किया और कहा कि यह बच्चों के आपसी झगड़े का मामला था, जो दुर्भाग्यवश बढ़ गया।

शिक्षा विभाग की सख्ती

घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने कहा कि स्कूल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और यदि स्कूल की लापरवाही पाई जाती है, तो विधिक कार्रवाई की जाएगी।

सवाल जो अभी बाकी हैं

  • स्कूल में इतनी बड़ी घटना के बावजूद सुरक्षा के इंतजाम क्यों नाकाफी रहे?

  • क्या छात्रों की मानसिकता को लेकर स्कूल में कोई काउंसलिंग या मेंटल हेल्थ सुविधा है?

  • यदि झगड़ा वॉशरूम के पास हुआ, तो क्या स्कूल में सभी जरूरी स्थानों पर निगरानी की व्यवस्था है?

यह घटना सिर्फ एक छात्र की सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र की जागरूकता और संवेदनशीलता की परीक्षा भी है। जब तक स्कूलों में छात्र-छात्राओं की मानसिकता पर काम नहीं किया जाएगा और सुरक्षा के मानक नहीं सुधारे जाएंगे, तब तक ऐसी घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।

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