कोरबा में नल-जल योजना के पाइपों में आगजनी, बड़ी साजिश की आशंका


 

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक चिंताजनक घटना सामने आई है, जहां गुरुवार देर शाम कुछ अज्ञात असामाजिक तत्वों ने सरकारी नल-जल योजना के लिए रखे गए पाइपों को आग के हवाले कर दिया। यह घटना रजगामार पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर की है, जहां बड़ी मात्रा में प्लास्टिक पाइप रखे गए थे। यह सभी पाइप नल-जल योजना के तहत जल आपूर्ति के लिए उपयोग में लाए जाने थे।

आग लगने के बाद मचा हड़कंप

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही पलों में पूरा पाइप स्टॉक जलने लगा। स्कूल परिसर में अचानक धुआं और लपटें उठती देख स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने अपनी ओर से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन आग की तीव्रता के कारण यह प्रयास नाकाम रहे।

स्थानीय लोगों ने तत्काल रजगामार पुलिस चौकी और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। फायर ब्रिगेड की टीम कुछ ही देर में घटनास्थल पर पहुंच गई और मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। आग अगर कुछ और देर तक जलती रहती तो यह स्कूल भवन तक पहुंच सकती थी। खासकर प्राचार्य कक्ष इसकी चपेट में आने ही वाला था।

पाइप पूरी तरह जलकर हुए नष्ट

इस घटना में हजारों रुपए मूल्य के पाइप जलकर पूरी तरह नष्ट हो गए। प्लास्टिक पाइपों में आग लगने के कारण तीव्र लपटें उठीं और आसपास का वातावरण भी धुएं से भर गया। राहत की बात यह रही कि समय रहते आग पर नियंत्रण पा लिया गया और कोई जानमाल की हानि नहीं हुई।

पुलिस ने जांच शुरू की

रजगामार पुलिस चौकी प्रभारी लक्ष्मण खूंटे ने बताया कि यह घटना प्रथम दृष्टया संदिग्ध प्रतीत हो रही है। पुलिस को शक है कि इस घटना को जानबूझकर अंजाम दिया गया है। मौके पर किसी भी व्यक्ति के होने या न होने को लेकर जांच की जा रही है। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी बताया कि आग लगने के बाद कुछ लोग मौके से भागते हुए देखे गए। हालांकि उनकी पहचान नहीं हो पाई है।

पुलिस इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए कई पहलुओं पर जांच कर रही है। स्कूल परिसर में आगजनी एक बड़ी लापरवाही या फिर किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस योजना को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से पाइपों को जलाया गया।

नल-जल योजना पर असर की आशंका

नल-जल योजना राज्य सरकार की एक प्रमुख ग्रामीण विकास योजना है, जिसके तहत गांव-गांव तक पीने का साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। इस घटना के बाद उस क्षेत्र में योजना के कार्यान्वयन पर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि अब जलापूर्ति से संबंधित पाइपों की पुनः व्यवस्था करनी होगी, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होगी।

स्कूल प्रशासन भी सकते में

स्कूल के शिक्षक और प्राचार्य इस घटना से स्तब्ध हैं। स्कूल प्रशासन का कहना है कि इस तरह की घटना से छात्रों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है। उन्होंने प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और ऐसे सामान को स्कूल परिसरों में रखने के स्थान पर अन्य सुरक्षित स्थानों पर रखने की मांग की है।

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