कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पाली में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 से अधिक लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में लगातार डेरा डाले हुए है, लेकिन हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं।
24 घंटे के भीतर गई दो लोगों की जान
गांव के दर्री पारा मोहल्ले में रहने वाले 60 वर्षीय संपत्त सिंह की मौत इलाज के अभाव में हो गई। जानकारी के अनुसार, उन्हें समय पर उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई, जिसके कारण 24 घंटे के भीतर ही उनकी जान चली गई। इसके बाद रविवार को उसी मोहल्ले के बाबू लाल गोड़ ने भी दम तोड़ दिया। इन मौतों से पूरे गांव में भय और चिंता का माहौल है।
दर्जनभर लोग अस्पताल में भर्ती
दर्री पारा के गनपत, सुकरिया बाई, राम लाल देवशनिया, मान सिंह, नीरा बाई सोहन, पार्वती, सावित्री, राजु, हिरमतिया ज्ञान सिंह, काजल रूप सिंह और तिलेश्वर सहित कई ग्रामीण डायरिया से पीड़ित हैं। सभी को पोड़ी उपरोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि स्थिति गंभीर है और लगातार निगरानी रखी जा रही है।
शिक्षा व्यवस्था पर भी असर
गांव के प्राथमिक विद्यालय पर भी बीमारी का असर साफ दिख रहा है। 32 छात्रों में से केवल 5 बच्चे ही कक्षा में उपस्थित हो रहे हैं। प्रधान पाठक जय कुंवर ने इस स्थिति की पुष्टि करते हुए कहा कि बीमारी के डर से अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग की टीम सतर्क
पाली उप स्वास्थ्य केंद्र के आरएचओ आनंद कुमार सोरठे ने बताया कि करीब एक दर्जन मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भेजा गया है। विभाग ने गांव में दवाइयों और साफ पानी की व्यवस्था की है। इसके अलावा स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर मरीजों की जांच कर रहे हैं।
मृतक परिवार ने की आर्थिक सहायता की मांग
मृतक संपत्त सिंह के परिवार ने शासन से आर्थिक सहायता की मांग की है। उनका कहना है कि स्थिति इतनी खराब है कि अभी तक अंतिम संस्कार भी नहीं किया जा सका है। परिवार का दर्द यह है कि बीमारी के कारण न केवल उन्होंने अपना सहारा खोया, बल्कि आर्थिक संकट भी गहरा गया है।
ग्रामीणों में भय का माहौल
करीब 260 की आबादी वाले इस मोहल्ले में लोग भयभीत हैं। ग्रामीणों का कहना है कि साफ-सफाई और पेयजल की उचित व्यवस्था न होने से यह बीमारी फैल रही है। कई लोग अभी भी बीमार पड़ने के डर से दूषित पानी का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं।
प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा
गांव के लोगों ने प्रशासन से तत्काल प्रभावी कदम उठाने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही जल आपूर्ति और स्वच्छता की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो स्थिति और बिगड़ सकती है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि स्वास्थ्य सुविधा समय पर न मिलने से ही मौतें हुई हैं।