धमतरी, छत्तीसगढ़ — जिले के भखारा स्थित शासकीय महर्षि वेदव्यास स्नातकोत्तर महाविद्यालय में सोमवार को नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) द्वारा एडमिशन फीस में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। NSUI कार्यकर्ताओं ने कॉलेज का घेराव करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और मांगों को लेकर सख्त रुख अपनाया।
छात्र हितों को लेकर मुखर हुआ NSUI
NSUI के जिला अध्यक्ष राजा देवांगण के नेतृत्व में यह आंदोलन आयोजित किया गया। देवांगण ने बताया कि फीस वृद्धि के खिलाफ सबसे पहले कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया था। उसके बाद छात्रों के बीच जागरूकता लाने के लिए एक सप्ताह का हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने समर्थन दिया। इसके बावजूद जब प्रशासन ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो संगठन को मजबूरन कॉलेज घेराव करना पड़ा।
मुख्य मांगें और आर्थिक बोझ पर चिंता
छात्र संगठन की प्रमुख मांग है कि एडमिशन फीस में की गई वृद्धि को तुरंत निरस्त किया जाए। इसके साथ ही जिन छात्रों से अतिरिक्त फीस वसूली गई है, उन्हें वह राशि वापस की जाए। संगठन का कहना है कि फीस संरचना केवल विश्वविद्यालय और शासन के निर्धारित निर्देशों के अनुरूप ही लागू होनी चाहिए।
राजा देवांगण ने यह भी बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के लागू होने के बाद विद्यार्थियों को एक ही सत्र में दो बार परीक्षा देनी पड़ रही है और दो बार परीक्षा शुल्क देना पड़ता है। यह पहले से ही विद्यार्थियों पर आर्थिक दबाव बढ़ा रहा है। अब कॉलेज प्रशासन द्वारा एडमिशन फीस में वृद्धि कर दी गई है, जिससे छात्र वर्ग और अधिक परेशान हो गया है।
गरीब और मध्यमवर्गीय छात्रों के अधिकारों पर कुठाराघात
NSUI नेताओं ने कहा कि वर्तमान स्थिति में गरीब और मध्यमवर्गीय छात्रों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना एक चुनौती बनता जा रहा है। जब शिक्षा की लागत बढ़ती है, तो यह समाज के कमजोर वर्गों को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर देता है। यह संविधान में निहित समान अवसर और शिक्षा के अधिकार की भावना के विपरीत है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन, लेकिन चेतावनी भी जारी
कॉलेज घेराव के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा, जिससे स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही। घेराव के बाद कॉलेज प्राचार्य द्वारा लिखित आश्वासन दिया गया कि छात्रों की मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। इसके बाद NSUI कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन समाप्त किया।
हालांकि, संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही प्रशासन की ओर से कोई ठोस और सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो अगला आंदोलन और अधिक उग्र रूप में किया जाएगा। NSUI नेताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि वे छात्रों के भविष्य से कोई समझौता नहीं करेंगे और हर संभव प्रयास करेंगे कि शिक्षा सुलभ और न्यायसंगत बनी रहे।
छात्र संगठनों की भूमिका पर चर्चा
NSUI के इस प्रदर्शन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि छात्र संगठन आज भी छात्र हितों की रक्षा के लिए मजबूती से खड़े हैं। जब संस्थान प्रशासन या शासन द्वारा छात्रहितों की अनदेखी की जाती है, तब ऐसे संगठनों की सक्रियता ही छात्रों को आवाज देने का माध्यम बनती है।
प्रशासन पर बढ़ा दबाव
कॉलेज प्रशासन फिलहाल शांतिपूर्ण आश्वासन देकर स्थिति को नियंत्रित करने में सफल रहा है, लेकिन छात्रों की नाराजगी और संगठन की सक्रियता को देखते हुए प्रशासन पर दबाव साफ नजर आ रहा है। अब यह देखना होगा कि अगले कुछ दिनों में किस तरह के निर्णय लिए जाते हैं, और क्या वास्तव में छात्रों की मांगें मानी जाएंगी।