CG Budget: 9 महीने की देरी से योजनाएं शुरू, अब तक केवल 54.70% बजट खर्च! वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने किया खुलासा
छत्तीसगढ़ सरकार के बजट की रफ्तार शुरुआती 9 महीनों में धीमी रही। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने करीब 22% की ग्रोथ के साथ अपना पहला बजट पेश किया था, लेकिन 9 महीने बाद भी बजट का सिर्फ 54.70% हिस्सा ही खर्च हो सका। विधानसभा में पेश रिपोर्ट में यह बड़ा खुलासा हुआ है।
कई योजनाएं देरी से शुरू, खर्च पर असर
सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं की शुरुआत में देरी हुई, जिससे बजट खर्च की रफ्तार भी प्रभावित हुई। उदाहरण के लिए:
✅ दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना की शुरुआत में देरी हुई।
✅ चना, गुड़ और शक्कर वितरण योजना की राशि समय पर खर्च नहीं हो पाई।
✅ स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी दिसंबर तक राशि खर्च नहीं हुई थी।
✅ केंद्र सरकार की पालना योजना में भी राज्यांश की राशि दिसंबर तक खर्च नहीं हो सकी।
पहली तिमाही में खर्च की रफ्तार सुस्त
📉 पहले तीन महीनों में बजट का केवल 20.40% हिस्सा खर्च हुआ।
📉 पूंजीगत व्यय (Infrastructure Investment) सिर्फ 10.46% रहा।
📈 राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) हालांकि दोगुने से अधिक 22.20% तक पहुंच गया।
अप्रैल से दिसंबर तक खर्च का ब्योरा
➡️ राजस्व व्यय: 57.85%
➡️ पूंजीगत व्यय: 36.50%
➡️ ऋण एवं अग्रिम: 83.40%
➡️ कुल बजट खर्च: 54.70%
विपक्ष का आरोप: सरकार ने योजनयाये में देर की
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कई योजनाओं में बजट की राशि देर से खर्च की गई, जिससे आम जनता को लाभ मिलने में देरी हुई।
केंद्रीय करों से मिली राहत
✅ 2024-25 के बजट में केंद्र सरकार से अनुमानित कर हिस्सेदारी ₹44,000 करोड़ थी।
✅ अक्टूबर-दिसंबर 2024 तक इसमें से ₹12,120.77 करोड़ प्राप्त हुए, जो बजट का 27.55% है।
✅ पिछले साल की तुलना में इस साल केंद्रीय करों की प्राप्ति 20.38% अधिक रही।
अब आगे क्या?
राज्य सरकार का दावा है कि अगले तीन महीनों में बजट खर्च की गति तेज की जाएगी, जिससे विकास कार्यों को रफ्तार मिलेगी। विपक्ष इसे केवल "घोषणाओं की सरकार" बता रहा है। अब देखना होगा कि सरकार इस बजट को कितना प्रभावी ढंग से लागू कर पाती है!
