# छत्तीसगढ़: 2,621 बर्खास्त बीएड शिक्षकों की बहाली, सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन

# छत्तीसगढ़: 2,621 बर्खास्त बीएड शिक्षकों की बहाली, सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन

छत्तीसगढ़ में 2,621 बर्खास्त बीएड शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। साय सरकार ने इन्हें सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित करने का फैसला लिया है। यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी साझा की। हालांकि, इस संबंध में आधिकारिक आदेश का इंतजार है।

## 126 दिन का आंदोलन और शिक्षकों की जिद

इन शिक्षकों का आंदोलन नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर 126 दिनों तक चला, जो 18 अप्रैल को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के बाद समाप्त हुआ। इस दौरान शिक्षकों ने कई अनूठे और सांकेतिक प्रदर्शन किए, जिनमें सामूहिक मुंडन, यज्ञ-हवन, जल सत्याग्रह, और अंगारों पर चलना शामिल रहा। आंदोलन की शुरुआत निकाय चुनाव से ठीक पहले हुई थी और यह शिक्षकों की नौकरी बचाने की जिद का प्रतीक बन गया।

### आंदोलन का घटनाक्रम

- **14 दिसंबर**: अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू हुई, जो 19 दिसंबर को धरने में तब्दील हो गई।  

- **22 दिसंबर**: धरना स्थल पर रक्तदान शिविर आयोजित किया गया।  

- **26 दिसंबर**: शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन कराया। पुरुषों के साथ महिला शिक्षकों ने भी अपने बाल कटवाए, इसे अपनी पीड़ा और न्याय की मांग का प्रतीक बताया।  

- **28 दिसंबर**: यज्ञ और हवन के साथ प्रदर्शन। शिक्षकों ने चेतावनी दी कि मांगें न मानी गईं तो सामूहिक जल समाधि ले सकते हैं।  

- **29 दिसंबर**: आदिवासी महिला शिक्षिकाओं ने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात की कोशिश की, लेकिन असफल रहीं।  

- **30 दिसंबर**: पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर के साथ जल सत्याग्रह। शिक्षकों ने कहा कि वे अपनी मांगों पर अटल हैं।  

- **1 जनवरी**: बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर का घेराव, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।  

- **2 जनवरी**: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने धरना स्थल पहुंचकर समर्थन दिया।  

- **3 जनवरी**: सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की। उसी दिन शिक्षकों ने सामूहिक अनशन शुरू किया।  

- **6 जनवरी**: मतदान बहिष्कार की चेतावनी के साथ राज्य निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपा।  

- **7 जनवरी**: शालेय शिक्षक संघ ने आंदोलन को समर्थन दिया।  

- **8 जनवरी**: बीरगांव में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा ने रैली निकाली।  

- **10 जनवरी**: NCTE की शवयात्रा निकालकर विरोध जताया।  

- **12 जनवरी**: माना से शदाणी दरबार तक दंडवत यात्रा।  

- **17 जनवरी**: पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने समर्थन दिया।  

- **18 जनवरी**: सुबह 5 बजे वित्त मंत्री ओपी चौधरी के बंगले का घेराव।  

- **19 जनवरी**: तेलीबांधा में चक्काजाम।  

- **20 जनवरी**: नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की आचार संहिता लागू होने के कारण आंदोलन स्थगित करना पड़ा।  

## सरकार का फैसला: शिक्षकों को नई जिम्मेदारी

कैबिनेट के इस फैसले से बर्खास्त शिक्षकों को न केवल उनकी नौकरी वापस मिली है, बल्कि उन्हें सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के रूप में नई भूमिका भी दी गई है। यह कदम शिक्षकों के लंबे संघर्ष और सरकार की संवेदनशीलता का परिणाम माना जा रहा है। शिक्षकों के समायोजन से स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता में भी सुधार की उम्मीद है।

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