# भारतमाला प्रोजेक्ट में 43 करोड़ का मुआवजा घोटाला: पति-पत्नी समेत 4 गिरफ्तार, EOW ने मारी 17 ठिकानों पर छापेमारी

# भारतमाला प्रोजेक्ट में 43 करोड़ का मुआवजा घोटाला: पति-पत्नी समेत 4 गिरफ्तार, EOW ने मारी 17 ठिकानों पर छापेमारी

**रायपुर, 26 अप्रैल 2025**: भारतमाला परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण में हुए 43 करोड़ रुपये के मुआवजा घोटाले में छत्तीसगढ़ की ACB-EOW ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार को पति-पत्नी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 1 मई तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। EOW अब इनसे गबन के इस सनसनीखेज मामले में पूछताछ करेगी।

## कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?
- **उमा तिवारी और केदार तிவारी**: पति-पत्नी की जोड़ी पर 2 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि अवैध तरीके से हड़पने का आरोप।

- **हरमीत सिंह खनूजा**: उमा तिवारी के सहयोगी, कई किसानों की मुआवजा राशि हड़पने में शामिल।

- **विजय जैन**: व्यापारी, उमा के साथ मिलकर अधिग्रहण का पैसा अवैध रूप से प्राप्त करने का आरोपी।

## EOW की ताबड़तोड़ छापेमारी
शुक्रवार को EOW ने रायपुर, महासमुंद, दुर्ग और बिलासपुर में 17 से 20 अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की। इनमें SDM, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक जैसे राजस्व विभाग के अधिकारी शामिल हैं। छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए। जिन ठिकानों पर कार्रवाई हुई, उनमें निर्भय कुमार साहू, जितेंद्र कुमार साहू, दिनेश पटेल, योगेश कुमार देवांगन, शशिकांत कुर्रे, उमा तिवारी, विजय जैन और अन्य शामिल हैं।

## क्या है भारतमाला परियोजना?
भारतमाला भारत सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना है। इसके तहत नए राजमार्गों का निर्माण और अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा किया जा रहा है। रायपुर से विशाखापट्टनम तक 463 किमी लंबी फोरलेन सड़क भी इसी का हिस्सा है।

## कैसे हुआ 43 करोड़ का घोटाला?

- **जमीन का बंटवारा**: भू-माफिया और राजस्व अधिकारियों ने मिलकर अभनपुर के नायकबांधा और उरला में जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर 159 खसरे बनाए। मुआवजे के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में जोड़े गए।

- **मुआवजा बढ़ोतरी**: 559 मीटर जमीन की कीमत 29.5 करोड़ से बढ़ाकर 78 करोड़ रुपये कर दी गई।

- **बैक डेट गड़बड़ी**: अधिकारियों ने बैक डेट में दस्तावेजों में हेरफेर कर घोटाले को अंजाम दिया। एक ही परिवार के 14 लोगों के नाम पर 4 एकड़ जमीन बांटकर 70 करोड़ रुपये का मुआवजा दे दिया गया।

- **NHAI की आपत्ति**: रायपुर-विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर में गड़बड़ी पर NHAI ने आपत्ति जताई, जिसके बाद 78 करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया गया।

## पहले भी हुई कार्रवाई
इस घोटाले की खबर दैनिक भास्कर डिजिटल में छपने के बाद कोरबा डिप्टी कलेक्टर **शशिकांत कुर्रे** और जगदलपुर निगम कमिश्नर **निर्भय साहू** को सस्पेंड किया गया था। जांच में निर्भय साहू समेत 5 अधिकारियों पर 43.18 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप लगा।

## अभनपुर बेल्ट में मुआवजा विवाद
अभनपुर बेल्ट में 9.38 किमी के लिए 324 करोड़ रुपये मुआवजा तय किया गया, जिसमें से 246 करोड़ रुपये वितरित हो चुके हैं। जांच में पाया गया कि अधिकारियों ने बैक डेट में दस्तावेजों में हेरफेर कर किसानों को नुकसान पहुंचाया।

## आगे क्या?
EOW अब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर घोटाले के पूरे नेटवर्क का खुलासा करने की कोशिश करेगी। इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।

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