अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा: मां दंतेश्वरी के दर्शन और ‘बस्तर पंडुम’ में शामिल होंगे गृहमंत्री
4 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं। वे सबसे पहले रायपुर पहुंचेंगे और अगले दिन 5 अप्रैल को नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले का दौरा करेंगे। यहां वे मां दंतेश्वरी के दर्शन करेंगे और फिर ‘बस्तर पंडुम’ के समापन समारोह में शामिल होंगे। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल रमेन डेका और कई प्रतिष्ठित पद्मश्री एवं राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता भी रहेंगे।
बस्तर पंडुम: संस्कृति का महोत्सव
‘बस्तर पंडुम’ जनजातीय संस्कृति और विरासत का उत्सव है, जिसमें आदिवासी जीवनशैली, भाषा, नृत्य, खेल, कला और परंपराओं को संजोया गया है। इस महोत्सव में सुकमा, दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले के 30 गांवों के सरपंच विशेष रूप से आमंत्रित किए गए हैं। ये सभी गृहमंत्री अमित शाह के साथ लंच करेंगे और बस्तर क्षेत्र के विकास पर चर्चा करेंगे।
फोर्स और प्रशासन के साथ अहम बैठक
अमित शाह फोर्स कमांडर्स और इंटेलिजेंस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे, जिसमें बस्तर में सुरक्षा की स्थिति और नक्सलवाद पर चर्चा होगी। इसके बाद वे रायपुर लौटकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक करेंगे और फिर दिल्ली रवाना हो जाएंगे।
‘बस्तर के राम’ कथा का आयोजन
इस आयोजन का एक महत्वपूर्ण आकर्षण प्रसिद्ध कवि डॉ. कुमार विश्वास की ‘बस्तर के राम’ कथा होगी। वे भगवान श्रीराम के दंडकारण्य प्रवास और उनकी ऐतिहासिक महत्ता पर व्याख्यान देंगे। वनवास काल में भगवान राम ने इस क्षेत्र में समय बिताया था और कई राक्षसों का संहार किया था। कुमार विश्वास की वाणी में जब यह कथा बस्तर की वादियों में गूंजेगी, तो यह शांति, एकता और पुनर्जागरण का संदेश देगी।
‘बस्तर पंडुम’: आदिवासी संस्कृति का महोत्सव
राज्य सरकार द्वारा आयोजित यह उत्सव बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रचारित करने का एक प्रयास है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह पहल स्थानीय समुदायों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ बस्तर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का कार्य कर रही है।
‘बस्तर पंडुम’ गोंडी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ ‘बस्तर का उत्सव’ होता है। इस आयोजन का प्रतीक चिन्ह भी बस्तर की पहचान को दर्शाता है, जिसमें इंद्रावती नदी, चित्रकूट जलप्रपात, वनभैंसा, पहाड़ी मैना, तुरही, ढोल, और ताड़ी के पेड़ जैसे तत्व शामिल हैं।
बस्तर की परंपराओं को मिलेगा नया आयाम
इस महोत्सव के अंतर्गत प्रतिस्पर्धाओं में विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया जाएगा, जिससे स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा मिलेगा। इस आयोजन से बस्तर की समृद्ध परंपराओं और विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का एक नया मार्ग प्रशस्त होगा।
