धमतरी पुलिस कस्टडी में युवक की मौत, परिजनों का हंगामा – मारपीट का आरोप
धमतरी जिले के अर्जुनी पुलिस थाना क्षेत्र में कस्टडी के दौरान एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है, जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। परिजनों ने पुलिस पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया, जबकि पुलिस का कहना है कि मृतक की मौत हार्ट अटैक से हुई।
क्या है पूरा मामला?
मृतक दुर्गेश सोनकर, राजनांदगांव जिले के भंवरमरा का निवासी था। उसके खिलाफ किसानों से ठगी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज था। अर्जुनी पुलिस ने उसे हिरासत में लिया, लेकिन अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप vs. पुलिस का बयान
परिजनों का दावा है कि थाने में पुलिस की पिटाई के कारण दुर्गेश की मौत हुई। उन्होंने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए अस्पताल के सामने धरना दिया और जांच की मांग की। दूसरी ओर, पुलिस का कहना है कि दुर्गेश की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
क्या था दुर्गेश पर आरोप?
किसानों से धान बेचने के नाम पर 7.73 करोड़ की धोखाधड़ी।
बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद और बालाघाट में ठगी के कई मामले दर्ज।
अब आगे क्या?
फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि प्रशासन इस संवेदनशील मामले की विस्तृत जांच कराने का भरोसा दे रहा है।
कस्टडी में मौत: ठगी के आरोपी की हिरासत में संदिग्ध हालात में मौत, परिजनों ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप
धमतरी जिले में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की रहस्यमयी मौत का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में अफरा-तफरी मच गई, जबकि मृतक के परिजन इसे हत्या करार देकर न्याय की मांग कर रहे हैं।
पुलिस की कहानी vs. परिजनों का आरोप
अर्जुनी पुलिस ने दुर्गेश सोनकर को किसानों से करोड़ों की ठगी के मामले में हिरासत में लिया था। पुलिस का कहना है कि उसे अचानक हार्ट अटैक आया और अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं, परिवार का आरोप है कि पुलिस की पिटाई से ही उसकी जान गई।
धरने पर बैठे परिजन, मांग रहे न्याय
मृतक के परिजनों ने अस्पताल के बाहर धरना शुरू कर दिया है और इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
जांच के आदेश, पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी निगाहें
फिलहाल पुलिस ने मामले में मर्ग कायम किया है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही अगली कार्रवाई तय होगी। प्रशासन ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है, लेकिन सवाल उठ रहा है कि आखिर कस्टडी में किसी आरोपी की जान कैसे गई?
