**मैत्री बाग जू: भीषण गर्मी में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए अनोखे इंतजाम**
भिलाई के मशहूर मैत्री बाग चिड़ियाघर में इन दिनों एक अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है। तपती गर्मी से वन्यजीवों को राहत देने के लिए चिड़ियाघर प्रबंधन ने कमर कस ली है। सफेद शेरों के बाड़े में पानी की फुहारें छोड़ी जा रही हैं, ताकि उनके आसपास ठंडक बनी रहे और शरीर का तापमान नियंत्रित रहे।
**गर्मी से जंग: डाइट में बदलाव, खास व्यवस्था**
प्रचंड गर्मी ने न सिर्फ इंसानों को परेशान किया है, बल्कि वन्यजीव भी इसकी चपेट में हैं। मैत्री बाग में जानवरों को राहत देने के लिए उनकी डाइट में खास बदलाव किए गए हैं। शेर और भालू को ठंडा मांस परोसा जा रहा है, तो बंदरों और छोटे जानवरों को रसीले तरबूज-खरबूज जैसे फल दिए जा रहे हैं। यह सब डिहाइड्रेशन और गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए किया जा रहा है।
**ठंडक का जादू: पानी की बौछार और घास की चटाइयां**
छोटे वन्यजीवों के बाड़ों को टाइफा घास से ढककर उनमें दिनभर पानी की फुहार की जा रही है, जिससे शाम तक ठंडक बरकरार रहती है। चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ. नवीन जैन ने बताया कि शेरों के पिंजरों में हवा को ठंडा रखने के लिए घास की चटाइयां लगाई गई हैं, जिन्हें समय-समय पर गीला किया जाता है। भालुओं के लिए तो और भी खास इंतजाम है—उनके बाड़े की छत पर पानी का झरना बनाया गया है, जो पिंजरे को ठंडा रखता है। बाहर निकलते वक्त भालू इस पानी से गुजरता है, जिससे उसे गर्मी से तुरंत राहत मिलती है।
**मैत्री बाग का मिशन: वन्यजीवों की सेहत और सुरक्षा**
इन तमाम उपायों के जरिए मैत्री बाग प्रबंधन यह सुनिश्चित कर रहा है कि भीषण गर्मी में भी वन्यजीव न सिर्फ सुरक्षित रहें, बल्कि स्वस्थ और खुशहाल भी रहें। यह अनोखी पहल न केवल जानवरों के प्रति प्रेम को दर्शाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति चिड़ियाघर की प्रतिबद्धता को भी उजागर करती है।
