पहलगाम आतंकी हमले का दिल दहलाने वाला सच: शौर्य ने बयां की पिता दिनेश की शहादत की कहानी **गोलियों की तड़तड़ाहट, चीखें, डर का मंजर... और एक बेटे की पुकार- "पापा कहां हैं?"**

# पहलगाम आतंकी हमले का दिल दहलाने वाला सच: शौर्य ने बयां की पिता दिनेश की शहादत की कहानी

**गोलियों की तड़तड़ाहट, चीखें, डर का मंजर... और एक बेटे की पुकार- "पापा कहां हैं?"**

22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने रायपुर के मिरानिया परिवार की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। इस हमले में कारोबारी दिनेश मिरानिया की जान चली गई। उनके बेटे शौर्य ने दैनिक भास्कर को उस भयावह दिन की आंखों देखी सुनाई, जो हर सुनने वाले का दिल दहला देती है।

## मिनी स्विट्जरलैंड में बिछड़ा परिवार

शौर्य ने बताया, "हमने सुना था कि पहलगाम मिनी स्विट्जरलैंड है। हम वहां घूमने गए थे। पापा और बहन लक्षिता ट्रैम्पोलिन के पास थे, मम्मी वॉशरूम गई थीं, और मैं फूड काउंटर की ओर चला गया। तभी अचानक गोलियां चलने लगीं। मेरे बगल में चल रहे एक अंकल 

वह दृश्य आज भी शौर्य के दिमाग में ताजा है। *"सब भागने लगे। मैं टेबल के नीचे छिप गया। एक घोड़े वाले ने मुझे खींचकर बाहर निकाला। गोलियां चल रही थीं, शोर था- ‘फायरिंग हो गई, गोली लग गई।’ मैं पापा को कॉल करता रहा, लेकिन नेटवर्क नहीं था।"

## बहन के सामने पापा को मारी गोली

शौर्य की 12 साल की बहन **लक्षिता** ने जो देखा, वह किसी भी बच्चे के लिए असहनीय था। शौर्य ने बताया, *"लक्षिता ने मुझे रोते हुए कहा कि एक आतंकी आया, उसने पापा को कहा- ‘कलमा पढ़ो।’ पापा को कलमा नहीं पता था। वे चश्मा और टोपी उतार रहे थे, तभी आतंकी ने गोली मार दी। लक्षिता वहीं खड़ी थी।"*

लक्षिता की जान कुछ स्थानीय लोगों ने बचाई। *"उन्होंने कलमा पढ़कर आतंकी को सुनाया और लक्षिता को पहाड़ों की ओर ले गए। बाद में सेना आई और उसे सुरक्षित नीचे लाया गया।"*

## मोजे से पिता को पहचाना

शौर्य ने रात 8 बजे तक पिता की तलाश की। *"मैं फोर्स को पापा का नाम, उनकी जैकेट, उनका चेहरा, सब बता रहा था। फिर एक अनजान नंबर से कॉल आया। अस्पताल पहुंचा तो वहां शव रखे थे। मैंने पापा के पैर देखे, उनके मोजे से उन्हें पहचाना।"*

## "पापा को शहीद माना जाए"

शौर्य की मांग है कि उनके पिता को **शहीद** का दर्जा मिले। *"सरकार की मदद से हम कश्मीर से रायपुर लौटे। हम चाहते हैं कि पापा को शहीद माना जाए। बाकी सरकार पर भरोसा है।"*

परिवार को इस दुख से उबरने में वक्त लगेगा। शौर्य ने बताया, *"हम वैष्णो देवी गए थे, फिर पहलगाम। श्रीनगर में मोरारी बापू की कथा में जाना था, लेकिन ये हादसा हो गया।"*

## आतंकियों को सजा मिले

जब शौर्य से पूछा गया कि आतंकियों का क्या होना चाहिए, तो वे रुके और बोले, *"मुझे नहीं पता सरकार क्या कर रही है। बस इतना कहूंगा कि सजा मिलनी चाहिए और वहां सिक्योरिटी बढ़ानी चाहिए।"*

## भूपेश बघेल ने की मुलाकात

शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री **भूपेश बघेल** मिरानिया परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने कहा, *"यह इंटेलिजेंस फेलियर की घटना है। केंद्र शासित प्रदेश में गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी थी, लेकिन वहां एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था। गृह मंत्री अमित शाह को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।"*

## एक परिवार का दर्द

दिनेश मिरानिया का परिवार आज भी उस सदमे से जूझ रहा है। शौर्य, उनकी मां नेहा और बहन लक्षिता के लिए वह खूबसूरत ट्रिप अब एक दर्दनाक याद बन चुकी है। यह कहानी न सिर्फ एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि उन सभी लोगों की स्मृति है, जो इस हमले में अपनी जान गंवा बैठे।

**हमारी संवेदनाएं मिरानिया परिवार और सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं।**

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