**पाकिस्तानी हिंदुओं की मार्मिक गुहार: छत्तीसगढ़ में बने नया आशियाना, वापस न भेजने की अपील**

**पाकिस्तानी हिंदुओं की मार्मिक गुहार: छत्तीसगढ़ में बने नया आशियाना, वापस न भेजने की अपील**

रायपुर: एक तरफ देश में पहलगाम आतंकी हमले का गुस्सा, तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में 24 हिंदू परिवारों की मार्मिक कहानी। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से अपनी संपत्ति बेचकर और घर छोड़कर ये लोग रायपुर पहुंचे हैं। इनका एक ही सपना है- भारत की धरती पर सम्मान और सुरक्षा के साथ नया जीवन शुरू करना। इन परिवारों ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात कर गुहार लगाई, "हमें वापस पाकिस्तान न भेजा जाए।"

**"पाकिस्तान में हिंदुओं का जीना मुश्किल"**  

सुखदेव लुंद, जो अपने परिवार के साथ सिंध के घोटकी जिले से आए हैं, ने गृहमंत्री को बताया, "वहां हिंदुओं के साथ अत्याचार आम है। दिनदहाड़े 50-60 लोग मिलकर मारपीट करते हैं, बच्चियां सुरक्षित नहीं, लूटपाट रोज की बात है। पुलिस भी साथ नहीं देती।" सुखदेव और उनके साथ आए 24 लोगों ने अपनी मेडिकल शॉप और संपत्ति बेच दी, लेकिन घर कोई खरीदने को तैयार नहीं हुआ। अब ये लोग 45 दिन के वीजा पर रायपुर के शदाणी दरबार में शरण लिए हुए हैं।

**गृहमंत्री का वादा: "पाकिस्तान पीड़ित" के तौर पर मिलेगी मदद**  

विजय शर्मा ने इन परिवारों को भरोसा दिलाया कि उन्हें आम पाकिस्तानी नहीं, बल्कि "पाकिस्तान पीड़ित" मानकर मदद की जाएगी। उन्होंने कहा, "ये लोग अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर भारत आए हैं। हम केंद्र सरकार से बात करेंगे ताकि इन्हें वापस न जाना पड़े।" शर्मा ने इस मुलाकात का वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया, जिसमें लोग अपनी आपबीती सुना रहे हैं।

**कौन हैं ये लोग?**  

इस ग्रुप में सुखदेव लुंद, उनकी पत्नी, दो बेटियां, एक बेटा, और रवि लुंद, निर्भय बत्रा जैसे लोग शामिल हैं। ये सभी वाघा बॉर्डर के रास्ते 22 अप्रैल को रायपुर पहुंचे। इनके अलावा, करीब 100 और लोग पिछले एक महीने से रायपुर में हैं। छत्तीसगढ़ में कुल 2000 पाकिस्तानी मूल के लोग रह रहे हैं, जिनमें 1800 रायपुर में। इनमें 95% सिंधी हिंदू हैं।

**केंद्र का निर्देश और जांच की रफ्तार**  

पहलगाम हमले के बाद केंद्र सरकार ने सार्क वीजा पर आए लोगों को 7 दिन में देश छोड़ने का आदेश दिया है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) वाले हिंदुओं को वापस नहीं भेजा जाएगा। रायपुर पुलिस अब सभी पाकिस्तानी मूल के लोगों के दस्तावेजों की जांच कर रही है। SSP लाल उमेद सिंह ने बताया, "हम वीजा और नागरिकता की स्थिति जांच रहे हैं। नए सिरे से सूची तैयार की जा रही है।"

**नागरिकता का रास्ता और CAA की राह**  

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिमों को 5 साल भारत में रहने के बाद नागरिकता मिल सकती है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में हाल ही में 3 पाकिस्तानी हिंदुओं को नागरिकता दी गई है। रायपुर में भी कई लोग इसके लिए आवेदन करने की तैयारी में हैं।

**सार्क वीजा का अंत**  

1992 में शुरू हुआ सार्क वीजा, जो भारत, पाकिस्तान समेत 8 देशों के बीच आसान यात्रा के लिए था, अब पहलगाम हमले के बाद खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह अब सख्त वीजा नियम लागू हैं।

**क्या होगा इन परिवारों का भविष्य?**  

पाकिस्तान में अत्याचार से तंग आकर भारत आए इन हिंदू परिवारों की कहानी दिल को छूती है। छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र के फैसले पर अब इनके भविष्य की उम्मीद टिकी है। क्या ये लोग भारत में नया जीवन शुरू कर पाएंगे? यह सवाल हर किसी के मन में है।

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