GST संग्रह में बंपर उछाल: सरकार का खजाना भरा, मार्च में 9.9% की वृद्धि
जीएसटी (GST) संग्रह में लगातार वृद्धि जारी है। मार्च 2025 में ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 9.9% बढ़कर 1.96 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया। यह अब तक का दूसरा सबसे बड़ा जीएसटी संग्रह है।
घरेलू और आयातित लेनदेन में वृद्धि
सरकारी आंकड़ों के अनुसार:
घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 8.8% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये पहुंचा।
आयातित वस्तुओं से प्राप्त राजस्व 13.56% बढ़कर 46,919 करोड़ रुपये हो गया।
जीएसटी का बंटवारा कैसे हुआ?
केंद्रीय जीएसटी (CGST): 38,145 करोड़ रुपये
राज्य जीएसटी (SGST): 49,891 करोड़ रुपये
एकीकृत जीएसटी (IGST): 95,853 करोड़ रुपये
उपकर संग्रह (Cess): 12,253 करोड़ रुपये
मार्च में कुल रिफंड 41% बढ़कर 19,615 करोड़ रुपये हो गया। रिफंड समायोजन के बाद, मार्च 2025 में शुद्ध जीएसटी संग्रह 1.76 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 7.3% की वृद्धि को दर्शाता है।
जीएसटी कलेक्शन का वार्षिक परिदृश्य
वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से मार्च के बीच कुल जीएसटी संग्रह 22.08 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 9.4% अधिक है। प्रमुख राज्यों का प्रदर्शन इस प्रकार रहा:
तेजी से बढ़ता संग्रह: महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 10% से अधिक वृद्धि।
संतुलित वृद्धि: गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में वृद्धि 1% से 7% के बीच।
विशेषज्ञों की राय
डेलॉयट इंडिया के साझेदार एम एस मणि के अनुसार, यह वृद्धि वित्तीय वर्ष के अंत में व्यवसायों द्वारा बिक्री को बढ़ावा देने का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक बार की घटना नहीं, बल्कि जीएसटी संग्रह में लगातार हो रही वृद्धि का हिस्सा है।
केपीएमजी इंडिया के अप्रत्यक्ष कर विशेषज्ञ अभिषेक जैन ने कहा कि लगभग 10% की वृद्धि आर्थिक स्थिरता और कंपनियों के बेहतर कर अनुपालन का प्रमाण है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले महीनों में भी इस वृद्धि में सुधार देखने को मिलेगा।
जनवरी 2024 में भी हुआ था बड़ा कलेक्शन
जनवरी 2024 में जीएसटी संग्रह 12.3% बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। आंकड़े इस प्रकार रहे:
केंद्रीय जीएसटी (CGST): 36,100 करोड़ रुपये
राज्य जीएसटी (SGST): 44,900 करोड़ रुपये
कुल संग्रह: 1.76 लाख करोड़ रुपये
अप्रैल 2024 में जीएसटी संग्रह ने 2.10 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक उच्च स्तर छू लिया था।
जीएसटी: भारत की कर प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव
भारत में 1 जुलाई 2017 को वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया था, जिसे स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार माना जाता है। इसके आने से कर प्रणाली सरल हुई और करदाताओं पर बोझ कम हुआ।
जीएसटी के फायदे:
विभिन्न प्रकार के करों को एक ही प्रणाली में समाहित किया गया।
व्यापार करना आसान हुआ और पारदर्शिता बढ़ी।
राज्यों और केंद्र सरकार के करों को एकीकृत कर दिया गया।
जीएसटी संग्रह में यह वृद्धि देश की आर्थिक मजबूती और करदाताओं की जागरूकता को दर्शाती है। आने वाले महीनों में भी इस वृद्धि के जारी रहने की संभावना है।
