**गांजा तस्करी में सनसनीखेज खुलासा: दुर्ग में आरक्षक की नौकरी खत्म, SSP विजय अग्रवाल की कड़ी कार्रवाई**
दुर्ग जिले में पुरानी भिलाई थाने के एक गांजा प्रकरण ने पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया। इस मामले में शामिल आरक्षक विजय धुरंधर को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) विजय अग्रवाल ने सेवा से बर्खास्त कर दिया। आरक्षक ने डायल 112 के चालक के साथ मिलकर जब्त गांजे की एक बोरी छिपाकर अपने कब्जे में रख ली थी।
जानकारी के अनुसार, आरक्षक विजय धुरंधर (क्रमांक 1654) पुरानी भिलाई थाने में तैनात था और डायल 112 की टीम में कार्यरत था। 3 मार्च 2025 को उसे सूचना मिली कि एक वाहन में कुछ लोग गांजा ले जा रहे हैं। मौके पर पहुंचकर उसने वाहन की तलाशी ली, जिसमें दो सफेद और एक लाल बोरी में गांजा भरा था। लेकिन विजय और चालक अनिल कुमार टण्डन ने लाल बोरी, जिसमें तीन पैकेट गांजा था, को कटीली झाड़ियों में छिपा दिया।
आरोपियों को थाने ले जाकर गांजा प्रकरण दर्ज किया गया, लेकिन छिपाई गई बोरी को विजय और अनिल ने बाद में निकालकर अनिल के गांव औंधी स्थित मकान में छिपा दिया। जब गिरफ्तार आरोपियों ने सच्चाई उजागर की, तो थाना प्रभारी ने जांच शुरू की। अनिल की निशानदेही पर उसके घर से छिपाई गई गांजा की बोरी बरामद हुई।
दुर्ग SP के निर्देश पर विजय धुरंधर और अनिल टण्डन को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पहले तत्कालीन SP जितेंद्र शुक्ला ने विजय को निलंबित किया था। अब SSP विजय अग्रवाल ने कड़ा कदम उठाते हुए आरक्षक की सेवा समाप्त कर दी। यह कार्रवाई पुलिस विभाग में अनुशासन और पारदर्शिता का मजबूत संदेश दे रही है।