दुर्ग, 29 मई 2025 – दुर्ग जिले के पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र में एक नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में कोर्ट ने आरोपी शिक्षक हामिद अली (50 वर्ष) को 5 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। हालांकि, पीड़िता के परिवार और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसे अपराधों के लिए सजा और सख्त होनी चाहिए।
मामले की पृष्ठभूमि
12 फरवरी 2024 को, 11 वर्षीय नाबालिग छात्रा फोकटपारा कसारीडीह निवासी हामिद अली के घर उर्दू-अरबी की ट्यूशन पढ़ने गई थी। उस समय घर में कोई नहीं था और आरोपी ने अकेली पाकर बच्ची के साथ अश्लील हरकतें कीं। जब बच्ची ने विरोध किया तो उसे धमकी दी गई। डर के कारण उसने अगले दिन तक यह बात किसी को नहीं बताई, लेकिन जब शिक्षक ने फिर से परेशान करना शुरू किया, तो बच्ची ने अपनी मां को सारी घटना बताई।
परिवार ने की थाने में शिकायत
घटना का खुलासा होने पर पीड़िता के परिजनों ने पद्मनाभपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। मामले की सुनवाई विशेष पॉक्सो कोर्ट में हुई, जहां न्यायाधीश अनीश दुबे ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा सुनाई।
क्या सजा पर्याप्त है?
हालांकि कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई है, लेकिन सामाजिक संगठनों का कहना है कि नाबालिगों के साथ यौन अपराधों के लिए सजा और कड़ी होनी चाहिए। "यह मामला सिर्फ एक शिक्षक का अपराध नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। ऐसे आरोपियों को समाज से बाहर रखने की जरूरत है," एक बाल अधिकार कार्यकर्ता ने कहा।
शिक्षकों की पृष्ठभूमि जांच जरूरी
इस घटना के बाद अब मांग उठ रही है कि ट्यूशन और स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की पूरी पृष्ठभूमि जांच की जाए। साथ ही, बच्चों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए।
