धमतरी, छत्तीसगढ़: डीएड-बीएड संघ के सदस्यों ने शिक्षक भर्ती में देरी और स्कूलों के युक्तियुक्तिकरण (मर्जर) के खिलाफ धमतरी के एसडीएम कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपते हुए 57,000 शिक्षकों की तत्काल भर्ती की मांग की।
"मोदी की गारंटी का क्या हुआ?" – संघ ने उठाए सवाल
संघ के सदस्यों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के तहत दो साल में 57,000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था। साथ ही, तत्कालीन शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में 33,000 पदों पर 2023-24 शैक्षणिक सत्र में भर्ती करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक एक भी पद भरा नहीं गया है।
"सरकार शिक्षा व्यवस्था को तबाह कर रही"
प्रदर्शनकारियों ने कहा, "शिक्षा समाज की रीढ़ है, लेकिन सरकार इसे कमजोर करने पर तुली हुई है। छत्तीसगढ़ शिक्षा के मामले में पहले से ही पिछड़ा हुआ है, ऐसे में 4,000 से अधिक स्कूलों को बंद करना ग्रामीण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।"
युक्तियुक्तिकरण का विरोध, तत्काल निरस्तीकरण की मांग
संघ ने सरकार से मांग की कि:
4,000 स्कूलों के मर्जर को रद्द किया जाए।
57,000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया तेज की जाए।
नए स्कूल और कॉलेज खोले जाएं।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन और तेज होगा।
सरकार की चुप्पी बढ़ा रही आक्रोश
अभी तक प्रशासन या सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। शिक्षक संघ ने कहा कि यदि जल्द ही कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
आगे क्या?
इस मुद्दे पर राजनीतिक दल भी सक्रिय हो रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।
शिक्षकों और अभ्यर्थियों का कहना है कि वे तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।