मध्यप्रदेश सरकार ने सड़क हादसों में घायल लोगों को त्वरित और मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए एक अहम फैसला लिया है। अब से राज्य में आयुष्मान भारत योजना से जुड़े पैनल अस्पतालों में सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का 7 दिन तक अधिकतम डेढ़ लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज किया जाएगा। योजना आज, शुक्रवार से पूरे प्रदेश में लागू कर दी गई है।
स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने बताया कि यह योजना सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों का हिस्सा है, जिससे सड़क हादसों के पीड़ितों को समय पर इलाज मिल सके और आर्थिक बोझ से राहत मिले।
परिवार के कई सदस्यों को भी मिलेगा सामूहिक लाभ
नई व्यवस्था के तहत यदि एक ही हादसे में एक परिवार के दो सदस्य घायल होते हैं, तो उन्हें कुल तीन लाख रुपये तक और तीन सदस्य घायल होने पर साढ़े चार लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
सिर्फ पैनल अस्पतालों में मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ उन्हीं अस्पतालों में मिलेगा जो आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पंजीकृत हैं। हादसे के बाद घायल व्यक्ति को नजदीकी पैनल अस्पताल में तुरंत भर्ती किया जाएगा। वहां जांच, ऑपरेशन, दवाइयां और अन्य चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह निःशुल्क रहेंगी।
संसाधन नहीं होने पर तुरंत किया जाएगा रेफर
यदि जिस अस्पताल में मरीज को भर्ती किया गया है, वहां इलाज के लिए आवश्यक संसाधन या विशेषज्ञ नहीं हैं, तो मरीज को तुरंत किसी सक्षम अस्पताल में रेफर कर दिया जाएगा। अस्पतालों को मरीज की जानकारी पोर्टल पर तुरंत अपडेट करनी होगी, ताकि इलाज में देरी न हो।
ट्रॉमा सेंटरों को किया जाएगा शामिल
राज्य सरकार ट्रॉमा और पॉली-ट्रॉमा ट्रीटमेंट की क्षमता रखने वाले और अधिक अस्पतालों को योजना में जोड़ने पर भी काम कर रही है, जिससे गंभीर रूप से घायलों को भी तेजी से इलाज मिल सके।
जिलों को भेजा गया निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने बताया कि सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा योजना के सुचारु क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों की बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
लोगों को राहत और अस्पतालों को जिम्मेदारी
इस योजना से एक ओर जहां आम लोगों को गंभीर दुर्घटना के बाद आर्थिक सहारा मिलेगा, वहीं पैनल अस्पतालों पर यह जिम्मेदारी भी होगी कि वे घायलों का इलाज पूरी तत्परता और मानवीयता के साथ करें।
सरकार के इस फैसले की सराहना स्वास्थ्य विशेषज्ञों और आम जनता दोनों ने की है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर इलाज से सड़क दुर्घटनाओं में मृत्युदर में कमी आ सकती है।