बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में प्रतिबंधित कफ सिरप की अवैध सप्लाई का एक बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है, जिसका सीधा कनेक्शन झारखंड से निकला है। इस मामले में पुलिस ने एक मेडिकल स्टोर संचालक को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से नशे के इस कारोबार को अंजाम दे रहा था। आरोपी के पास से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप की बोतलें बरामद की गई हैं, जिन्हें वह झारखंड से मंगाकर स्थानीय युवाओं को नशे के रूप में बेचता था।
पुलिस को मिली थी गुप्त सूचना
बिलासपुर पुलिस को कुछ समय पहले सूचना मिली थी कि शहर में प्रतिबंधित कफ सिरप का अवैध कारोबार हो रहा है। इस सिरप का उपयोग नशे के तौर पर किया जा रहा था और बड़ी संख्या में युवा इसकी चपेट में आ चुके थे। सूचना के आधार पर एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने जांच शुरू की।
जांच में झारखंड कनेक्शन आया सामने
जांच के दौरान पुलिस को ऐसे सुराग मिले जिससे पता चला कि यह सिरप झारखंड से बिलासपुर मंगाया जा रहा था। सप्लाई चेन में कई लोग शामिल थे, जिनमें सबसे प्रमुख आरोपी एक मेडिकल स्टोर संचालक निकला, जो पहले भी नशीली दवाओं की बिक्री के मामलों में संदिग्ध रह चुका है।
अवैध दवाओं का जखीरा बरामद
पुलिस की टीम ने जब उस मेडिकल स्टोर पर छापा मारा, तो वहां से करीब 350 बोतलें प्रतिबंधित कफ सिरप की बरामद हुईं। इसके अलावा स्टोर में अन्य प्रतिबंधित दवाएं भी पाई गईं, जिनका रिकॉर्ड ड्रग कंट्रोल विभाग में उपलब्ध नहीं था। आरोपी संचालक को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया।
कई जिलों में फैला है नेटवर्क
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी का नेटवर्क सिर्फ बिलासपुर में ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों जैसे कोरबा, रायगढ़ और जांजगीर-चांपा तक फैला हुआ है। वह झारखंड के विभिन्न फार्मा एजेंटों से कफ सिरप की बड़ी खेप मंगाता था और उन्हें स्थानीय स्तर पर नशे के रूप में बेचता था।
किशोरों को बना रहा था निशाना
इस मामले की सबसे चिंता की बात यह है कि आरोपी ने अपने ग्राहक के रूप में अधिकांश किशोरों और युवाओं को चुना था। कम दामों में आसानी से मिलने वाले इस सिरप के कारण कई युवा इसकी गिरफ्त में आ गए थे। नशे की लत बढ़ने पर वे अन्य मादक पदार्थों की ओर भी झुकाव दिखा रहे थे।
पुलिस करेगी और गिरफ्तारियां
बिलासपुर पुलिस अधीक्षक ने मीडिया को बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और उसके मोबाइल से मिले संपर्कों के आधार पर जल्द ही अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के नशे के व्यापार पर कड़ी नजर रखी जा रही है और ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ड्रग कंट्रोल विभाग की भी बड़ी लापरवाही उजागर
इस कार्रवाई के बाद ड्रग कंट्रोल विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। बिना वैध रिकॉर्ड के मेडिकल स्टोर में इतनी बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाओं की मौजूदगी, विभाग की निगरानी व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। विभाग अब इस मामले में अपनी आंतरिक जांच शुरू करने की बात कह रहा है।
समाज को सतर्क रहने की जरूरत
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि नशे का यह व्यापार किस हद तक फैल चुका है। माता-पिता, स्कूल और समाज को सतर्क रहना होगा ताकि किशोर और युवा ऐसे जाल में फंसने से बच सकें। साथ ही, प्रशासन को भी लगातार निगरानी और कार्रवाई करते रहना होगा ताकि इस तरह के अवैध कारोबार पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।