बिलासपुर, छत्तीसगढ़। बिल्हा थाना क्षेत्र के बरतोरी गांव में गुरुवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां कूलर से करंट लगने के कारण दो बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों की पहचान लक्की जायसवाल (13) और जीतू जायसवाल (14) के रूप में हुई है। यह हादसा उस समय हुआ जब घर में कोई बड़ा मौजूद नहीं था और दोनों बच्चे अकेले थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बरतोरी निवासी देवचरण जायसवाल और उनकी पत्नी रोजी-मजदूरी के लिए सुबह घर से निकल गए थे। घर पर उनका बेटा लक्की और रिश्ते में आई सिंगारपुर, कवर्धा निवासी जीतू अकेले थे। गर्मी अधिक होने के कारण जीतू ने कूलर चालू करने की कोशिश की, लेकिन बटन दबाते ही उसे करंट लग गया। वह वहीं कांपने लगी। यह देखकर लक्की उसे बचाने दौड़ा और कूलर से उसे खींचने की कोशिश की, लेकिन बटन बंद नहीं करने की गलती से वह खुद भी करंट की चपेट में आ गया।
दोनों बच्चे कुछ ही देर में बेहोश होकर जमीन पर गिर गए। कुछ समय बाद घर के बाहर किराना दुकान चला रहे लक्की के चाचा राजू जायसवाल को हादसे की भनक लगी। उन्होंने तत्काल 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने दोनों बच्चों को तत्काल बिल्हा अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने मर्ग कायम कर शुरू की जांच
बिल्हा थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कूलर में लीक हो रहे करंट की वजह से यह हादसा हुआ। पुलिस ने घटनास्थल से कूलर को जब्त कर लिया है और इलेक्ट्रिशियन की मदद से उसकी जांच करवाई जा रही है।
गांव में पसरा मातम, परिवार सदमे में
इस हादसे के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। दोनों परिवारों में मातम का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए और बिजली उपकरणों की नियमित जांच अनिवार्य की जाए।
विशेषज्ञों की सलाह: कूलर और अन्य बिजली उपकरणों से बच्चों को रखें दूर
बिजली विशेषज्ञों का कहना है कि कूलर में अक्सर पानी डालने से करंट लीक होने की संभावना बनी रहती है। खराब वायरिंग, कटे-फटे तार, या नमी के कारण यह खतरा और बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि कूलर चालू करने से पहले उसकी वायरिंग चेक कराई जाए और बच्चों को इन उपकरणों से दूर रखा जाए। पानी भरते समय कूलर को प्लग से निकाल कर ही पानी डालना चाहिए। यह एक छोटी सी सावधानी है, लेकिन इससे बड़े हादसे टाले जा सकते हैं।
प्रशासन से मुआवजे की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और बच्चों की मौत की जांच के बाद उचित मुआवजा दिया जाए। बिल्हा जनपद पंचायत के अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी है।