500 करोड़ के प्रोजेक्ट का झांसा देकर 15 करोड़ की ठगी: पूर्व सीएम के करीबी केके श्रीवास्तव से SIT और ED की पूछताछ जारी, मनी लॉन्ड्रिंग का शक


 

रायपुर। स्मार्ट सिटी और नवा रायपुर विकास परियोजना में 500 करोड़ के काम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली के एक कारोबारी से 15 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले केके श्रीवास्तव को तेलीबांधा पुलिस ने रिमांड पर लिया है। श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का करीबी बताया जा रहा है। पुलिस और एसआईटी दोनों की टीमें उससे लगातार पूछताछ कर रही हैं।

भोपाल से बदले हुलिए में पकड़ा गया आरोपी

20 जून की रात तेलीबांधा पुलिस ने भोपाल में छापा मारकर केके श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया। वह वहां बदले हुए हुलिए में रह रहा था ताकि पहचान से बच सके। पुलिस ने उसे पकड़ने के बाद उसके बेटे कंचन श्रीवास्तव को भी बनारस से हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया।

खातों में मिला 300 करोड़ का ट्रांजेक्शन

केके श्रीवास्तव के घर और बैंक खातों की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पुलिस को करीब 300 करोड़ रुपये का संदिग्ध लेन-देन मिला है। बताया जा रहा है कि इन पैसों को ट्रांसफर करने के लिए श्रीवास्तव ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया। प्रारंभिक जांच में इस रकम को कर्ज बताया गया है, लेकिन पुलिस को मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका है।

ईडी और ईओडब्ल्यू की भी सक्रियता

केस की गंभीरता को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी केके श्रीवास्तव से तीन दिनों तक पूछताछ की है। शुरुआती जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के संकेत मिलने के बावजूद अभी तक ईडी ने उसे गिरफ्तार नहीं किया है। दूसरी ओर, राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने भी आबकारी घोटाले के मामले में केके श्रीवास्तव और उसके बेटे से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया है।

कारोबारी से झांसा देकर लिए 15 करोड़

आरोप के अनुसार, केके श्रीवास्तव ने दिल्ली के व्यापारी अशोक रावत से यह कहकर 15 करोड़ लिए कि वह उसे स्मार्ट सिटी और एनआरडीए के तहत 500 करोड़ रुपये का ठेका दिलवा देगा। जब ठेका नहीं मिला और रावत ने पैसा वापस मांगा तो पहले तो वादा किया गया कि 17 सितंबर 2023 तक पैसा लौटा दिया जाएगा, लेकिन बाद में केवल 3.40 करोड़ ही लौटाए गए। इसके बाद दिए गए तीन चेक भी बाउंस हो गए क्योंकि उन्हें स्टॉप पेमेंट में डाला गया था।

धमकी देकर डराने की भी कोशिश

जब कारोबारी ने बार-बार पैसे की मांग की तो श्रीवास्तव ने खुद को नक्सलियों और राजनीतिक रसूखदारों से जुड़ा बताकर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद रावत ने बाप-बेटे के खिलाफ तेलीबांधा थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस तब से उनकी तलाश कर रही थी।


रायपुर के 41 मोबाइल नंबरों से देशभर में ठगी: 18.52 लाख की साइबर धोखाधड़ी उजागर

रायपुर में साइबर ठगी का एक बड़ा रैकेट सामने आया है, जहां से देश के विभिन्न राज्यों में लोगों को कॉल कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। केंद्र सरकार के समन्वय पोर्टल पर इन मोबाइल नंबरों को लेकर 24 से अधिक शिकायतें दर्ज हैं।

41 मोबाइल नंबरों से की गई ठगी

केंद्र सरकार की ओर से रायपुर पुलिस को पत्र भेजकर जानकारी दी गई कि राजधानी के 41 मोबाइल नंबर साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे हैं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इन नंबरों के जरिए अब तक 18 लाख 52 हजार रुपये की ठगी की जा चुकी है।

मोबाइल सिम भी बेचे गए?

पुलिस को आशंका है कि जैसे म्यूल अकाउंट किराये पर दिए जाते हैं, उसी तरह मोबाइल सिम भी 10-15 हजार रुपये में बेचे गए हैं। अब जांच इस दिशा में हो रही है कि जिन लोगों के नाम पर सिम कार्ड जारी हुए हैं, उन्हें इसकी जानकारी थी या नहीं।

टेलीकॉम कंपनियों से मांगी गई जानकारी

साइबर सेल ने इन नंबरों से जुड़े दस्तावेज और बैंक खातों से लिंक की स्थिति जानने के लिए सभी प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों से जानकारी मांगी है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि ये नंबर कब एक्टिवेट हुए और इनके जरिए ठगी की रकम कैसे ट्रांसफर हुई।

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