छत्तीसगढ़ में धीमी हुई मानसून की रफ्तार, आकाशीय बिजली का यलो अलर्ट, सरगुजा में बाढ़ से चार लोग बहे


 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मानसून ने इस बार समय से पहले दस्तक दी, लेकिन अब इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ती नजर आ रही है। मौसम विभाग ने आगामी तीन दिनों के लिए मानसून की गति धीमी रहने की संभावना जताई है। इसके साथ ही प्रदेश के उत्तरी व दक्षिणी हिस्सों में बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया गया है।

सरगुजा, बलरामपुर, कोरिया, सूरजपुर सहित उत्तरी छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में तथा बस्तर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर समेत दक्षिण के 13 जिलों में तेज अंधड़, गरज-चमक और आकाशीय बिजली की चेतावनी दी गई है। इन इलाकों में सतर्कता बरतने की अपील की गई है। वहीं रायपुर, दुर्ग, बेमेतरा जैसे मध्यवर्ती जिलों में मौसम सामान्य रहने की संभावना जताई गई है।

सरगुजा में तेज बारिश, मैनी नदी में बहे चार लोग

सरगुजा संभाग में बारिश ने विकराल रूप ले लिया है। गुरुवार को तेज बारिश के बाद आई बाढ़ में मां-बेटे समेत चार लोग मैनी नदी में बह गए। शनिवार को एक महिला सोमारी (45) का शव बरामद किया गया है, जबकि तीन अन्य – अंकिता (8), बिनावती (30) और आरयस (3) – की तलाश जारी है। सभी ढोड़ागांव के निवासी थे और पुटू (जंगली मशरूम) बीनने गए थे। लौटते वक्त अचानक आई बाढ़ की चपेट में आ गए।

एसडीआरएफ और पुलिस की टीम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है। क्षेत्र में नदी-नालों का जलस्तर अभी भी ऊंचा बना हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

जून में सामान्य से आधी बारिश, मई में रिकॉर्ड वर्षा

राज्य में जून महीने की अब तक की कुल औसत बारिश 41.0 मिमी दर्ज की गई है, जबकि सामान्य औसत 81.0 मिमी होती है। यानी अभी तक लगभग आधी बारिश ही हो सकी है। बलरामपुर अकेला ऐसा जिला है जहां सामान्य से बहुत अधिक वर्षा हुई है, जबकि दंतेवाड़ा में सामान्य और बाकी 26 जिलों में औसत से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।

मई में हालांकि राज्यभर में रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई थी। औसत से 373 फीसदी अधिक वर्षा हुई थी, जो पिछले 64 वर्षों में अभूतपूर्व मानी जा रही है। 22 से 28 मई के बीच ही 53.51 मिमी औसत वर्षा हो चुकी थी।

बिजली गिरने का खतरा बढ़ा, सावधानी जरूरी

आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं इस समय प्रदेश में चिंता का विषय बनी हुई हैं। मौसम विभाग के अनुसार, बिजली दोपहर के समय अधिक गिरती है और इसका तापमान सूर्य की सतह से भी ज्यादा होता है। यह मुख्य रूप से सिर, गर्दन और कंधों को प्रभावित करती है।

सावधानी के लिए सुझाव:

  • गरज सुनते ही घर के अंदर शरण लें।

  • खुले मैदान या पेड़ के नीचे खड़े न रहें।

  • बिजली लाइन या खंभों से दूरी बनाए रखें।

  • मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर जैसे उपकरणों का उपयोग न करें।

मानसून की शुरुआत और संभावित अवधि

इस वर्ष मानसून ने केरल में 24 मई को ही दस्तक दे दी थी, जो सामान्य से 8 दिन पहले है। छत्तीसगढ़ में भी इस बार 19 जून तक पूरा प्रदेश मानसून की चपेट में आ गया। पिछले साल के मुकाबले इस बार का तापमान भी थोड़ा कम है। पिछले वर्ष जून में अधिकतम तापमान 45.7°C तक पहुंच गया था, जबकि इस बार 43°C के आसपास ही रहा।

अगर मौसम सामान्य रहा और मानसून ब्रेक नहीं हुआ, तो यह सीजन 145 दिनों तक सक्रिय रह सकता है, जो प्रदेश के कृषि और जल स्रोतों के लिए सकारात्मक संकेत है।


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