रायपुर, 22 जून – केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज दो दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। यह दौरा राज्य में नक्सलवाद के खात्मे और फॉरेंसिक साइंस शिक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाओं और कार्यक्रमों से जुड़ा हुआ है। शाह आज दोपहर करीब ढाई बजे रायपुर पहुंचेंगे, जहां वे नवा रायपुर के सेक्टर-2 में नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU) के रायपुर कैम्पस का शिलान्यास करेंगे।
फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी से युवाओं को मिलेगा अवसर
NFSU की स्थापना से छत्तीसगढ़ में फॉरेंसिक शिक्षा और अनुसंधान को मजबूती मिलेगी। यह संस्थान भारत सरकार द्वारा संचालित है और अपराध विज्ञान, जांच विज्ञान, डिजिटल फॉरेंसिक, और फोरेंसिक मनोविज्ञान जैसे कोर्स उपलब्ध कराता है। शाह रायपुर में सेंट्रल फोरेंसिक लैब का भी भूमिपूजन करेंगे, जो राज्य की पहली हाईटेक फोरेंसिक प्रयोगशाला होगी। प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने इसे युवाओं के लिए सुनहरा अवसर बताया और कहा कि इससे राज्य में विशेषज्ञ मैनपावर तैयार होगा।
नक्सल ऑपरेशन पर उच्चस्तरीय बैठक
शाम को अमित शाह नवा रायपुर के एक रिजॉर्ट में छत्तीसगढ़ और उसके पड़ोसी राज्यों के DGP और ADGP स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा की जाएगी। शाह रात रायपुर में ही बिताएंगे।
23 जून को अबूझमाड़ के ग्रामीणों से संवाद
दौरे के दूसरे दिन यानी 23 जून को गृह मंत्री अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्रामीणों से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही BSF के जवानों से मिलकर लंच करेंगे और नक्सल ऑपरेशन की जमीनी रणनीति पर चर्चा करेंगे।
नक्सलवाद के खात्मे की तय डेडलाइन: 31 मार्च 2026
गृहमंत्री शाह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करना केंद्र सरकार का लक्ष्य है। बीते वर्ष रायपुर में हुई बैठक में शाह ने यह डेडलाइन तय की थी। अब इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक साल से भी कम समय बचा है।
अब तक 427 नक्सलियों का हुआ एनकाउंटर
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 427 नक्सली मारे जा चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में दिल्ली में शाह से मुलाकात कर ऑपरेशन की जानकारी साझा की थी। बैठक में सेंट्रल फोर्स, स्टेट पुलिस के समन्वय से चल रहे संयुक्त अभियानों और सरकार की पुनर्वास योजनाओं पर भी चर्चा हुई।
अप्रैल में बस्तर में दिखी थी शाह की सक्रियता
इससे पहले अप्रैल 2025 में अमित शाह बस्तर के पारंपरिक पर्व पंडुम के समापन समारोह में शामिल हुए थे। उसके बाद रायपुर लौटकर उन्होंने एक हाईलेवल मीटिंग कर नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा की थी, जिसमें CRPF, BSF और पुलिस के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए थे।